महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने एक इंटरव्यू में कहा कि हॉस्टल में समय को लेकर बरती जाने वाली कड़ाई जरूरी है. वीमेंस हॉस्टलों में लागू होने वाले ‘कर्फ्यू’ को उन्होंने सुरक्षा के नाम पर जायज ठहराया.
असल में इन हॉस्टलों में रहने वाली छात्राओं को एक निश्चित समय के अंदर ही लौटना होता है.
महिला दिवस को लेकर चल रहे एक इंटरव्यू में लड़कियों ने उनसे हाॅस्टलों में लगने वाली बंदिशों को लेकर सवाल पूछा. लड़कियों ने बताया कि उन्हें देर रात लाइब्रेरी तक में जाने की इजाजत नहीं होती है.
16-17 साल की उम्र में आपमें हार्मोनल चेंज आते हैं. इसलिए ये लक्ष्मण रेखा बनाई गई है. ये आपकी सुरक्षा के लिए ही है.मेनका गांधी, केंद्रीय मंत्री
जब गांधी से ये पूछा गया कि ऐसे नियम लड़कों के हाॅस्टल में क्यों नहीं है. तो उनका जवाब आया कि ऐसा लड़कों पर भी लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये कर्फ्यू स्टूडेंट्स को एक्सीडेंट जैसे बाहरी दुर्घटनाओं से बचाने के लिए है.
मेनका का ये बयान ऐसे समय में आया है जब लगातार कई दिनों से अधिकांश महिला हॉस्टलों में समय को लेकर लगे एक किस्म के ‘कर्फ्यू’ लागू किए जाने के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित तमाम काॅलेजों में पिंजरा तोड़ जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं.
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