ADVERTISEMENTREMOVE AD

#TalkingStalking एपिसोड 1 | ऐसे दें अपने स्टॉकर को मुंहतोड़ जवाब

स्टॉकिंग के खिलाफ आवाज उठाने का वक्त

Updated
भारत
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्टॉकिंग को लेकर चुप्पी के माहौल को तोड़ने के लिए क्विंट एक खास अभियान चला रहा है जिसका नाम है- #TalkingStalking चुप्पी तोड़ो. ये पहले से चल रहे #TalkingStalking कैंपेन का ही एक हिस्सा है जिसके जरिए हम महिलाओं और पुरुषों को स्टॉकिंग के इर्द-गिर्द ठहरती चुप्पी को तोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. चुप्पी तोड़ो की इस खास सीरीज में हम स्टॉकिंग से लड़ने वालों की बात सुनेंगे, उनके केस को समझेंगे और उनकी मदद की कोशिश भी करेंगे. स्टॉकिंग का सामना कर चुके लोगों की पहचान जाहिर नहीं होने दी जाएगी.

0

सीरीज के इस पहले एपिसोड में, ऋचा अनिरुद्ध और यूपी के पूर्व डीजीपी ने स्टॉकिंग का सामना कर रही एक लड़की से बात की.

कहानी अनामिका की

अनामिका (बदला हुआ नाम) एक लड़के से मिलीं, बात की, दोस्ती हो गई. ये पांच साल पहले की बात है. उसके कुछ महीनों के भीतर ही उन्हें एहसास हुआ कि वो एक गलत फैसला था. अनामिका ने लड़के के साथ ब्रेकअप कर लिया. लेकिन उसने अनामिका की ‘न’ को माना नहीं.

जब अनामिका पुलिस के पास पहुंचीं तो उन्होंने केस फाइल करने से ही इनकार कर दिया. इसके लिए दलील ये दी गई कि स्टॉकर मुंबई का रहने वाला नहीं है. अनामिका की शिकायत को इलाके के झगड़े में बदल दिया गया. जिसका नतीजा ये हुआ कि अनामिका के परिवार तक को धमकी भरे कॉल और मैसेज आने लगे.

क्विंट ने उठाया मुद्दा

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने अनामिका को कानूनी पहलुओं की बारीक जानकारी देते हुए उनकी मदद की. क्विंट ने अपने तौर पर भी मुंबई पुलिस और महिला सेल से बात की ताकि अनामिका को मिलने वाली मदद में जो देरी हो रही थी उसे समझा जा सके.

हमारी कोशिशें रंग लाईं और पुलिस ने इस मुद्दे पर पड़ताल को आगे बढ़ाया. पुलिस के दखल के बाद अब अनामिका को उस स्टॉकर लड़के की कॉल और मैसेज से काफी हद तक निजात मिल पाई है.

स्टॉकिंग को बनाना है गैर-जमानती अपराध

क्या आप जानते हैं कि स्टॉकिंग एक जमानती अपराध है. जिसकी वजह से स्टॉकर, बिना किसी गहरी जांच-पड़ताल के जमानत पर छूट जाते हैं. इसका एक असर ये भी होता है कि स्टॉकिंग का सामना करने वाले लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाता है जैसे एसिड अटैक, रेप या हत्या तक.

यही वजह है कि क्विंट ने वर्णिका कुंडू के साथ मिलकर change.org पर एक पिटीशन जारी की है. क्विंट इस पिटीशन के जरिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील करता है कि स्टॉकिंग को एक गैर-जमानती अपराध बनाने संबंधित कानून जल्द से जल्द लाया जाए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हम सुनेंगे आपकी बात

अगर आपको स्टॉक किया जा रहा है, कोई आपका पीछा कर रहा है तो हमें बताइए. आप हमें ईमेल कर सकते हैं- talkingstalking@thequint.com या हमें मैसेज करें: +91 9999008335. आप हमें हर बुधवार शाम 5 से 6 के बीच कॉल करके ऋचा अनिरुद्ध से इस मुद्दे पर बात भी कर सकते हैं. हम सबको इस चुप्पी को तोड़ना होगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×