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ट्रोलर्स को किसी की पर्सनल लाइफ में ‘चौधरी’ बनने का हक किसने दिया?

जैसे ही सिलेब्रिटी कुछ भी पोस्ट करते हैं, दिनभर खाली बैठे रहने वाले ट्रोलर्स के बीच चुल्‍ल मच जाती है

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हाल ही में अमीषा पटेल ने अपनी आने वाली फिल्म भैयाजी सुपरहिट के लिए एक फोटोशूट कराया था, जिसकी तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर की. फोटो शेयर करते ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा.अमीषा के बोल्ड फोटोशूट पर उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाते हुए ट्रोलर्स उन्हें ‘आंटी’ कह रहे हैं.

बात चाहे जिम में वर्कआउट करते फोटो शेयर करने की हो या अपने किसी करीबी दोस्त के साथ फोटो पोस्ट करने की, चेहरे की सुंदरता की हो या फिर फिगर की. आए दिन बॉलीवुड स्टार सोशल मीडिया पर ट्रोल होते नजर आते हैं. जैसे ही सिलेब्रिटी कुछ भी पोस्ट करते हैं, दिनभर खाली बैठे रहने वाले ट्रोलर्स के बीच चुल्‍ल मच जाती है. इन निठल्ले ट्रोलर्स को फुल टाइम जॉब के तौर पर दूसरों की जिंदगियों में झांकने का मौका मिल जाता है.

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ये ट्रोलर्स आते कहां से हैं?

अब सवाल ये उठता है कि ये ट्रोलर्स कौन हैं? इनके कई टाइप होते, मार्केट वेल्यू होती है, स्टेट्स होता है. सोशल मीडिया और दूसरों की जिंदगी में आग लगाने का पूरा जिम्मा इन्हीं के नाजुक कंधों पर होता है. चाहे बात राजनीति की हो या फिर धर्म की, ये बिचारे दिन-रात भूखे-प्यासे रहकर अपना कर्तव्य निभाते हैं. मजाल है किसी भी सिलेब्रिटी की कोई भी फोटो या वीडियो इनकी नाक के नीचे से निकल जाए.

खास बात ये है कि इन लोगों ने ये कसम खाई है कि किसी को खुश नहीं देख सकते. चाहे प्रियंका चोपड़ा, निक जोनास से शादी करें या फिर हिना खान कोई भी आउटफिट पहनें, इनके पेट में दर्द जरूर होगा.

जैसे ही सिलेब्रिटी कुछ भी पोस्ट करते हैं, दिनभर खाली बैठे रहने वाले ट्रोलर्स के बीच चुल्‍ल मच जाती है
प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास
(फोटो: Instagram)

सच मानिए, ये इतने क्यूट संस्कारी ट्रोलर्स होते हैं कि इन्हें कपड़े, खान-पान, रहन-सहन सब से दिक्कत होती है. अब ये बताइए कि प्रियंका की सगाई की तस्वीरों में निक की मां दिखें, तो इन्‍हें क्‍या परेशानी है... पर नहीं, इनकी उंगलियों में 440 वोल्ट का करेंट दौड़ने लगता है और ये बन जाते हैं 'ज्ञानी चौधरी'.

नॉर्थ यूरोप स्कैंडेनेविया की लोक-कथाओं में एक ऐसे बदशक्ल और भयानक जीव का जिक्र किया जाता है, जिसका नाम ट्रोल था. इस जीव से लोग डरकर अपनी यात्रा नहीं कर पाते थे.

अब ट्रोर्लस खुद हिसाब किताब लगा लें कि उन्‍हें क्‍या कहा जाना चाहिए? लेकिन इतना तो तय है कि ये वही जीव हैं, जिनके डर से लोग अपनी यात्रा सफलतापूर्वक नहीं कर पाते हैं.

अपनी राय रखना या अपनी भावनाओं को दिखाना अभिव्यक्ति की आजादी है, लेकिन किसी से बदसलूकी करने का हक उन्हें किसने दिया?

क्या आप अपनी मां, बहन, दोस्त, बेटी के साथ सोशल मीडिया पर फोटो शेयर नहीं करते? क्या आप अपनी प्रोफाइल पर सेल्फी नहीं लगाते या फिर अपने बेस्ट मोमेंट नहीं शेयर करते? आपके सोशल मीडिया में आपको ज्यादातर रिएक्शन लव, लाइक, लाफ इमोजी के मिलते होंगे, क्योंकि आपको ये रिएक्शन देने वाले आपके अपने होंगे.

लेकिन इन सिलेब्रिटीज का क्या कसूर है? क्या इन लोगों की कोई पर्सनल लाइफ नहीं है? क्यों इन्हें हक नहीं है कि ये अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी सकें, जो चाहें वो पोस्ट कर सकें. हम और आप कौन होते हैं इन्हें ये बताने वाले कि वो क्या पहनें, क्या न पहनें?

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जैसे ही सिलेब्रिटी कुछ भी पोस्ट करते हैं, दिनभर खाली बैठे रहने वाले ट्रोलर्स के बीच चुल्‍ल मच जाती है

ये हैरान करने वाली बात जरूर है, लेकिन ये सच है कि तालियों की गड़गड़ाहट और चीखते-चिल्लाते फैंस इन स्टार्स की जिंदगियों में अहम हिस्सा होते हैं. इन्हीं फैंस की नफरत और बेहूदे कमेंट कहीं न कहीं इन्हें निराशा के अंधेरों में ढकेल देते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जब फैंस की बेरुखी कई स्टार्स के डिप्रेशन का कारण बनी है.

हंसी मजाक और टांग खींचने से शुरू हुआ ट्रोलिंग, अब इंटरनेट के बदलते स्वरूप के चलते कैरेक्टर एसैसिनेशन जैसी गंभीर समस्या बनता जा रहा है.

हमें रुककर खुद से सवाल पूछने की जरूरत है कि चाहे कठुआ रेप जैसे गंभीर मुद्दा हो या चुनाव जैसा राजनीतिक मुद्दा या फिर बॉलीवुड से जुड़ी कोई खबर, हमें अपने अंदर इतनी संवेदनाएं बचाकर रखनी चाहिए कि हम खुद से सवाल कर सकें कि क्या ‘मैंने ये सही किया’. और ये भी कि हम किसी भेड़चाल का हिस्सा तो नहीं बन रहे?

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