क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) के लिए ICC ने शेड्यूल जारी क्या किया, सवालों और शिकायतों की झड़ी लग गई है. फैंस से लेकर खिलाड़ी तक सबके जेहन में आशंका है कि कैसे इतने बड़े टूर्नामेंट का सफल आयोजन इतने कम समय में हो पाएगा? वो भी तब जब आपके सामने सवालों की झड़ी हो, शेड्यूल में बदलाव की संभावना हो और राजनीतिक आरोप लग रहे हों?
वर्ल्डकप आयोजन के लिए इतना कम समय क्यों?
भारत ने विश्व कप से 100 दिन पहले शेड्यूल की घोषणा की है. देखने में ये काफी लग सकता है, लेकिन प्रैक्टिकल होकर सोचने पर कमियां साफ नजर आने लगेंगी. भारत चौथी बार विश्व कप का होस्ट कर रहा है, लेकिन ये पहली बार होगा जब भारत को अकेले पूरा आयोजन करना होगा. इसके पहले 1987 में भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से वर्ल्ड कप होस्ट किया था. 1996 में भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने वर्ल्ड कप होस्ट किया था और 2011 में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका संयुक्त रूप से होस्ट थे. यानी इस बार सारी तैयारियां भारत को अकेले करनी हैं.
पिछले 2 वर्ल्ड कप के शेड्यूल, टूर्नामेंट शुरू होने के लगभग एक साल पहले जारी किए गए थे. जून-जुलाई 2019 में हुए वर्ल्ड कप का शेड्यूल 26 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था, लेकिन इस बार महज 3 महीने पहले.
इस बार सिर्फ 3 महीने के समय में विदेशों से आने वाले दर्शक कैसे अपनी प्लानिंग कर पाएंगे?
एक विदेशी फैन को फ्लाइट से लेकर होटल के टिकट बुक करने तक की प्लानिंग करनी होती है.
इस बार वर्ल्डकप में 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं, ऐसे में करीब 9 देशों के मेहमान आएंगे.
समस्या इस बात की है कि अभी तक BCCI ने मैचों के लिए टिकट वितरण की घोषणा भी नहीं की है.
कम से कम 9 देशों के फैंस वर्ल्ड कप के लिए भारत आएंगे और करीब 10 शहरों में ट्रैवल करेंगे. हर शहर में होटल बुकिंग से लेकर आने-जाने तक का सारा इंतजाम उन्हें पहले से कर के रखना होगा.
टिकटों की बिक्री कब से शुरू होगी, इसके बारे में भी अभी कोई जानकारी नहीं है. कहा जा रहा है कि अगर वर्ल्डकप मैच का शेड्यूल और पहले जारी हुआ होता तो क्रिकेट के फैन को प्लानिंग करने का कुछ और समय मिलता.
इसका नतीजा ये हुआ है कि अहमदाबाद में जहां 15 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप का मैच खेला जाना है, होटल के कमरों के दाम एक लाख रुपये तक बढ़ गए हैं. सिर्फ विदेशी फैंस ही नहीं स्थानीय प्रशासन को भी कई तरह के इंतजाम करने होंगे. सुरक्षा के इंतजाम से लेकर शहर के सौंदर्यकरण तक सब कुछ.
टीम इंडिया को आराम का समय नहीं मिलेगा
इस विश्व कप में टीम इंडिया इकलौती ऐसी टीम है, जिसे लीग के दौरान सबसे ज्यादा 9 शहरों में ट्रैवल करना है.
टीम इंडिया अपने सारे लीग मैच अलग-अलग शहरों में खेलेगी.
इसके चलते सबसे ज्यादा दूरी भी भारतीय टीम ही तय करेगी.
विश्व कप के दौरान टीम इंडिया लीग स्टेज में करीब 10 हजार किलोमीटर का डिस्टेंस कवर करेगी.
कभी चेन्नई से दिल्ली के बीच 1700 किलोमीटर तो कभी पुणे से धर्मशाला के बीच 1500 किलोमीटर का ट्रैवल करना है.
35 दिनों में 10 हजार किलोमीटर, यानी टीम इंडिया औसतन हर 3.5 दिन में एक मैच खेलेगी और दूसरे शहर में जाने के लिए फ्लाइट पकड़ेगी. इसे भले ही अलग-अलग शहरों के दर्शकों को ध्यान में रखकर किया गया हो, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि यात्रा से टीम इंडिया को जो थकान हो, उसका असर प्रदर्शन पर दिखाई देने लगे.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं BCCI की ये तैयारी उल्टी न पड़ जाए. इसका एक और नुकसान हो सकता है कि टीम को वेन्यू के हिसाब से अपनी प्लानिंग में बदलाव करना पड़ेगा, इससे हो सकता है कि होम कंडीशंस का ज्यादा फायदा न मिले.
स्टेडियम के चयन पर सवाल
स्टेडियम के चयन को लेकर भी BCCI पर सवाल उठ रहे हैं. नागपुर, मोहाली और इंदौर में इस बार विश्व कप का एक भी मैच नहीं रखा गया है.
अगर 23,000 दर्शकों की क्षमता वाले धर्मशाला के ग्राउंड में पांच मैच कराए जा सकते हैं तो 45,000 की क्षमता वाले नागपुर के मैदान पर कोई मैच क्यों नहीं कराया जा सकता?
मोहाली के मैदान की क्षमता भी 27,000 और इंदौर के होलकर स्टेडियम की क्षमता 30,000 है.
BCCI के वाइस प्रेजिडेंट राजीव शुक्ला ने कहा है कि "ये मैदान अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के हिसाब से फिट नहीं बैठते."
यदि ऐसा है तो ये तो BCCI की नाकामी हुई न? शायद और समय होता तो इन मैदानों में सुधार किए जा सकते थे. वैसे भी भारत के कई क्रिकेट मैदानों पर दर्शक अक्सर पर्याप्त बाथरूम न होने से लेकर फूड स्टॉल न होने तक की शिकायतें करते रहते हैं.
सबसे बड़ा सवाल तो गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम को लेकर है. यहां 15 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान का मैच होना है. पाकिस्तान पहले से ही इस स्टेडियम में खेलने से इनकार कर रहा है, लेकिन फिर भी भारत के खिलाफ उसका मैच इसी स्टेडियम में रखा गया है.
अब पाकिस्तान भी इसे बदलने की मांग कर सकता है. अंत समय में ऐसा होता है तो सोचिए कितने लोगों को फ्लाइट और होटल बुकिंग के पैसे में नुकसान होगा.
IPL फाइनल में नजर आई थी अव्यवस्था!
साथ ही में नरेंद्र मोदी स्टेडियम को ही फाइनल मैच की मेजबानी दी गई है. आईपीएल के फाइनल में हम देख चुके हैं कि बारिश ने कैसे इस मैदान के दावों की पोल खोल दी थी.
यहां T-20 मैच का फाइनल कराने में तीन तारीखें छू गईं थी, क्योंकि मैदान पर भरे पानी को निकालने या सुखाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं दिख रहे थे, जबकि दावा ये किया गया था कि यहां कितनी भी बारिश हो जाए, आधे घंटे में मैदान फिर से खेलने लायक तैयार कर लिया जाएगा.
क्या हमें कतर में हुए फीफा विश्व कप 2022 से सीख नहीं लेनी चाहिए थी. कतर ने जिस तरह से इस विश्व कप के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया और तैयारियों का पर्याप्त समय लिया, वो काबिले तारीफ है. आयोजन में कोई बड़ी खामी नजर नहीं आई. लेकिन, भारत में आयोजन से पहले ही सवाल उठने लगे हैं. शेड्यूल के आरोप तो लग ही रहे हैं, इसके साथ ही स्टेडियमों के चयन को लेकर राजनीतिक आरोप भी मढे जा रहे हैं.
BCCI पर क्यों लग रहे राजनीति के आरोप?
दरअसल, BCCI पर राजनीति का आरोप इस आधार पर लगाया जा रहा है, कि वर्ल्डकप के तीन महत्वपूर्ण मैच (ओपनिंग, भारत-पाकिस्तान मैच, फाइनल), सभी का आयोजन गुजरात के मोदी स्टेडियम में कराया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि भारत में ईडन गार्डन्स जैसा महत्वपूर्ण और बड़ा स्टेडियम था, तो फिर इन तीन बड़े मैचों में एक भी मैच की मेजबानी क्यों नहीं सौंपी गई. जबकि, हम पीछे मुड़कर देखें तो अभी तक कोई भी बड़े मैच की मेजबानी ईडन गार्डन्स ही करता आया है.
बहरहाल, BCCI पर सवाल उठते रहेंगे, लेकिन सभी भारतीयों के मन में एक ही तमन्ना है कि इस बार का वर्ल्डकप भारत ही उठाए और 12 साल के सूखे को खत्म करे.
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