70 साल के बिछड़े हुए ऐसे मिले कि ‘पानी-पानी’ हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिन की इजरायल यात्रा के दौरान ज्यादातर दोस्ती, 70 सालों के बिछड़े रिश्ते और पानी शुद्ध करने की टेक्नलॉजी छाई रही.
कभी ये बात प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने तो कभी मोदी ने याद दिलाई. प्रधानमंत्री की इजरायल यात्रा हर लिहाज से ऐतिहासिक रही, भव्य स्वागत, हर वक्त नेतन्याहू का साथ और हर जगह बेहद उत्साहित और स्वागत के लिए बेकरार लोग.
कारोबार के लिहाज से भी 4.3 अरब डॉलर के समझौते हुए. दोनों देशों के बीच के व्यापार को अगले 5 साल में 5 अरब से बढ़ाकर 20 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया. पीएम के इजरायल दौरे के हर एक बात पर डालते हैं एक नजर
रिश्तों पर ज्यादा जोर
भारत ने इजरायल के साथ रिश्तों को सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचाने का एलान किया है. इसलिए पूरा इंतजाम किया गया कि इस यात्रा को दोनों देशों के बीच पुराने सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों से जोड़ा जाए.
5 साल में व्यापार 4 गुना बढ़ाने का लक्ष्य
भारत और इजरायल के बीच व्यापार 5 साल में चार गुना बढ़ाकर 20 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. दोनों देशों की 30 कंपनियों के सीईओ ने 4.3 अरब डॉलर के बिजनस समझौते कर डाले.
इजरायल-भारत सीईओ फोरम
2018 से भारत में सालाना टेक्नलॉजी सम्मेलन होगा जिसमें इजरायल मुख्य पार्टनर होगा. इसके अलावा कारोबार बढ़ाने के लिए इजरायल और भारत दोनों कई सहूलियत देंगे.
नेतन्याहू पर चढ़ा मोदी रंग
मेक इन इंडिया के साथ मेक विद इंडिया
“मेरे दोस्त आपका स्वागत है” मोदी की आगवानी करने के नेतन्याहू के इस अंदाज ने ही बयां कर दिया था कि इजरायल इस यात्रा को कितना अहम मानता है. वो अपने पूरे मंत्रिमंडल और धार्मिक नेताओं के साथ मोदी को लेने एयरपोर्ट पहुंचे. मोदी के 3 दिनों के प्रवास के दौरान करीब-करीब हर वक्त उनके साथ ही रहे.
नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री के स्टाइल का पूरा ख्याल रखा. जैसे नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के साथ जोड़ते हुए उन्होंने कहा इजरायल मेक विद इंडिया के साथ है. इसी तरह उन्होंने गणित की तर्ज पर आई स्क्वैयर प्लस टी स्क्वैयर (I*2+T*2) फॉर्मूला बना दिया- इंडिया एंड इजरायल प्लस इजरायली टेक्नलॉजी एंड इंडियन टैलेंट
कृषि और पानी पर समझौते
दोनों देशों के बीच करीब 10 समझौते हुए और ज्यादातार कृषि, पानी और अंतरिक्ष क्षेत्र में हैं. भारत को इजरायल जल सरंक्षण में टेक्नलॉजी और ट्रेनिंग देने में मदद करेगा. अनुमान के मुताबिक भारत वॉटर मैनेजमेंट में बहुत पीछे है. देश में पानी का 85% तक इस्तेमाल हो जाता है, यानी आगे के लिए कोई बचत नहीं है, इसलिए सूखा पड़ने पर पानी की भारी कमी हो जाती है.
पानी साफ करने का मोबाइल प्लांट
नेतन्याहू ने मोदी को एक खास मोबाइल प्लांट दिखाया जो पानी को शुद्ध करता है. यह चलता फिरता प्लांट एक खास तरह के वाहन में लगाया गया है. दोनों प्रधानमंत्रियों ने समंदर किनारे इस वाहन में बैठकर सैर की. बाद में दोनों नेताओं ने खारे पानी को पीने लायक बनाने के तरीका का प्रदर्शन देखा और पानी पिया.
नेतन्याहू ने इस मोबाइल वैन को फ्यूचर जीप करार दिया. नरेंद्र मोदी ने कहा ये वाहन लाजवाब है. खासतौर बाढ़, भूकंप, ग्रामीण इलाकों में आपदा के वक्त बहुत काम आएगा. सेना भी दुर्गम स्थानों पर इसका इस्तेमाल कर सकती है.
मोदी ने मोबाइल प्लांट की खूबियों के बारे में ट्वीट किया. इससे रोजाना समंदर के 20 हजार लीटर खारे पानी को पेयजल में बदला जा सकता है. अगर पानी खाना नहीं है लेकिन कीचड़ या प्रदूषित है तो मशीन 80 हजार लीटर पानी को पेयजल बना सकती है.
टेक्नलॉजी का मास्टर इजरायल
इजरायल ने टेक्नलॉजी पर बहुत काम किया है. डिफेंस से लेकर सीवेज के पानी के ट्रीटमेंट तक इजरायल को इन सबकी महारत हासिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर है कि इजरायल की टेक्नलॉजी एग्रीकल्चर सेक्टर में व्यापक इस्तेमाल हो.
शानदार स्टार्ट अप मॉडल से सीखेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि उनके स्टार्ट अप अभियान को मदद देने के लिए इजरायल के अनुभव का इस्तेमाल किया जाए. इजरायल को दुनिया का सबसे ज्यादा स्टार्टअप फ्रेंडली देश माना जाता है.
यहां साइबर सिक्योरिटी, फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी से लेकर डिजिटल हेल्थ तक सब जगह स्टार्ट अप की भरमार है. इसमें सरकार ने पूंजी लगाने में मदद की, साथ ही ऐसा मॉडल बनाया कि अगर नुकसान हुआ तो सरकार उठाएगी, मुनाफा में सिर्फ 3 से 6 परसेंट तक रॉयल्टी ली जाती है.
भारत-इजरायल के बीच टेक्नलॉजी फंड
भारत और इजरायल ने 5 साल के लिए एक टेक्नोलॉजी फंड बनाया है. ये फंड काफी हद तक वैसा ही है जैसा इजरायल और अमेरिका के बीच बना है. इसका नाम इजरायल इंडिया इनोवेशन इनीशिएटिव फंड होगा.
इजरायली इनोवेशन अथॉरिटी के सीनियर डायरेक्टर अवी लुवटन के मुताबिक, इस फंड में हर साल दोनों सरकार 40 लाख डॉलर का निवेश करेंगी. नैसकॉम और एक्सेंचर की रिपोर्ट तो कहती है कि दोनों देशों के बीच निवेश से जो प्रोडक्ट बनेंगे उससे 2025 तक 25 अरब डॉलर की कमाई होने लगेगी
भारत-इजरायल की जोड़ी आसमान में बनी
इसमें कोई शक नहीं कि पूरी यात्रा के दौरान मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच गजब की केमिस्ट्री नजर आई. दोनों ने एक-दूसरे को ज्यादातर मौके पर दोस्त कहकर ही संबोधित किया.
विशेषण लगाने में नेतन्याहू भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने कहा भारत और इजरायल की जोड़ी आसमान में बनी. हालांकि यही बात उन्होंने चीन और इजरायल के बारे में भी कही थी. इन दिनों चीन और भारत के संबंधों में सीमा विवाद की छाया है.
किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजरायल यात्रा की ये स्क्रिप्ट इमोशन और एक्शन से भरपूर थी. अब सबकी नजर इस बात पर होगी कि यात्रा के दौरान बताए गए वादे और इरादों पर कितना अमल होता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)