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UP: अब फतेहपुर,कानपुर,बुलंदशहर.. महिलाएं सुरक्षित क्यों नहीं?

हर रोज ऐसी ही खबरें यूपी के किसी न किसी से जिले से आ ही रही हैं

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वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

गुंडाराज खत्म करने, अपराध मुक्त करने और उत्तम प्रदेश बनाने का वादा करने वाली सरकार उत्तर प्रदेश में है. लेकिन इस राज्य से ऐसे-ऐसे वारदात सामने आ रहे हैं, जो दिल दहलाकर रख देते हैं. जरा हेडलाइन सुनिए- कानपुर में बच्ची की हत्या, लीवर तक निकाल लिया, फतेहपुर में तालाब में दो दलित बहनों की लाश मिली, बुलंदशहर में कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने खुदकुशी कर ली.

ऐसा नहीं है कि ये खबरें बहुत पुरानी हो, ढूंढ ढूंढकर लाई गई हैं, पिछले कुछ घंटों में ही ये वारदात सामने आए हैं, इस आर्टिकल में इन्हीं मुद्दों पर करेंगे बात. समझेंगे तमाम वादों, दावों जुमलों के बाद भी इनपर नकेल क्यों नहीं कसी जा रही है.

50 बच्चों के यौन शोषण की खबर

17 नवंबर को यूपी से ही करीब 50 बच्चों के यौन शोषण की खबर सामने आई है.यूपी सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर पर आरोप है और सीबीआई ने उसे गिरफ्तार किया है. ये आरोपी पिछले 10 साल से चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, जैसे जिलों में ऐसी वारदात अंजाम देता आया है, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स, अधिकारियों के हवाले से ये बता रहे हैं कि ये आरोपी इंजीनियर बच्चों के यौन शोषण के वीडियो और दूसरे कंटेंट डार्क इंटरनेट पर भी डाला करता था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया है कि ये बदमाश बच्चों को मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स देता था ताकि वो उसकी हरकतों के बारे में चुप रहें. अभी इस मामले में पुलिस को और लोगों को भी तलाश है.

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अब बात करें महिला अपराधों की तो कानपुर, फतेहपुर और बुलंदशहर से जो खबरें आईं हैं, वो ये सोचने को मजबूर कर रही हैं कि क्या हमारी सरकारें हेडलाइन मैनेजमेंट और दावों के अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए गंभीर भी है.. अपराधियों पर कानून व्यवस्था का शिकंजा क्यों नहीं कस रहा है?

फतेहपुर में दलित समुदाय की दो नाबालिग बहनों की हत्या

फतेहपुर में दलित समुदाय की दो नाबालिग बहनों की कथित रूप से हत्या कर दी गई है. उनके शव जिले के एक गांव में स्थिति तालाब से मिले हैं.पुलिस का कहना है कि बच्चियां सोमवार दोपहर को चने का साग तोड़ने खेत गई थीं. देर शाम तक घर न लौटने पर परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी तलाश की थी, इसके बाद रात में बच्चियों के शव तालाब में मिले थे. एएसपी ने बताया कि परिजनों और ग्रामीणों ने अज्ञात लोगों पर रेप या रेप करने में असफल होने के बाद हत्या करके शव तालाब में फेंकने का आरोप लगाया है.

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बुलंदशहर में एक 19 साल की रेप विक्टिम ने की खुदकुशी

वहीं बुलंदशहर में एक 19 साल की रेप विक्टिम ने खुदकुशी कर ली है, पुलिस पर निष्क्रियता का आऱोप है, 24 अक्टूबर को अनूपशहर पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. परिवार का कहना है कि पुलिस कार्रवाई ही नहीं कर रही थी तो परेशान और दुखी बेटी ने आत्महत्या कर ली. अब सुसाइड के बाद 19 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद से आरोपी गिरफ्तार किया गया है.

कानपुर में बच्ची के साथ रेप की कोशिश के बाद हत्या

उधर कानपुर जिले के घाटपुर इलाके में दिवाली की रात काला जादू और तंत्र-मंत्र के लिए एक बच्ची की हत्‍या कर दी गई . हैवानियत की हद ये है कि बच्ची के साथ रेप की कोशिश के बाद उसकी हत्या करने और उसका लिवर निकालने के आरोप में दो लोगों को जेल भेजा गया है. पुलिस ने बताया कि गांव के संतानहीन दंपत्ति ने कथित तौर पर शनिवार रात बच्ची को अगवा कर लिया, उन्होंने बच्ची के साथ रेप की कोशिश की और फिर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर तंत्र-मंत्र की क्रिया के लिए बच्ची के शरीर से उसका लिवर निकाल लिया. उधर, बच्ची के परिजनों को जब बेटी नहीं दिखी तो उसकी तलाश शुरू हुई और रविवार सुबह ग्रामीणों ने बच्‍ची का शव देखा.

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प्रियंका गांधी ने उठाया योगी सरकार पर सवाल

ये सारे वारदात पिछले कुछ घंटों में सामने आए हैं, ये महज उदाहरण है... हर रोज ऐसी ही खबरें यूपी के किसी न किसी से जिले से आ ही रही हैं..ऐसा तब है जब अभी कुछ हफ्ते पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के लक्ष्य के साथ ‘मिशन शक्ति’ अभियान की शुरुआत की थी. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी इस पर पूछती हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताना चाहिए कि ‘मिशन शक्ति’ अभियान कितना सफल रहा है. यूपी में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध का हवाला देते हुए प्रिंयका ने ट्विटर पर लिखा है कि राज्य में महिलाओं के लिए एकदम सुरक्षित नहीं है. कई जगहों पर तो लड़कियों ने जान दे दी क्योंकि उनकी कोई सुनवाई न हुई.

उत्तर प्रदेश में महिला अपराध के सबसे ज्यादा केस

अब हर बार अपराध की ऐसी खबरें आने के बाद जो हम नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का रिकॉर्ड देते हैं ना- वो फिर से दे रहे हैं- NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 से 2019 के बीच उत्तर प्रदेश राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 59,853 केस सामने आए. उत्तर प्रदेश में ही POCSO Act के तहत बच्चियों के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 7,444 केस सामने आए हैं. दहेज के मामलों से लेकर अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश का नाम सबसे आगे है.

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