भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में चलते हुए आज मुझे पांच दिन हो गए हैं. लोग मुझसे पूछते हैं कि ये यात्रा किसे जोड़ेगी? मैं कहता हूं, भारत को भविष्य से, लोक को तंत्र से, गण को राज्य से, धर्म को उसके मर्म से, कर्म को गर्व से जोड़ेगी.
क्यों है इस यात्रा की जरूरत?
लोग पूछते हैं कि इस यात्रा की क्या जरूरत है? जिस देश में सर्वोच्च कुर्सी पर बैठे हुए लोग देश में घृणा का प्रचार कर रहे हों, एक समुदाय को दूसरे से डरा रहे हों, जिस तरह से अंग्रेजों ने बांटने और राज करो की नीति अपनाई, ठीक उसी तरह से अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए देश में महंगाई, बेरोजगारी, बदहाली को छिपाने के लिए, दिन रात हिंदू-मुस्लिम का खेल हो रहा है... इसलिए जरूरत है आज देश को जोड़ने की.
याद रखिए, आज से बीस या पचास साल बाद जब कोई हमारा अपना पूछेगा, कि 2023 या 2024 में जब इस देश को बांटने-तोड़ने की कोशिश हो रही थी, तब आप क्या कर रहे थे.
कैसे भारत जोड़ोगी ये यात्रा?
भारत जोड़ने का सबसे बड़ा जरिया हमारा मुंह और लोगों के कान है. हम सभी लोगों तक आपकी बात पहुंचाएंगे. ये पुराना सनातन तरीका है लोगों तक बात पहुंचाने का. अब ये होगा कि नहीं, ये आप सभी पर निर्भर करेगा.
क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ऐसे माहौल में पैदा हों, जहां कोरोना को हिंदू-मुस्लिम बना दिया जाए. क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ऐसे माहौल में पढ़ें जहां हर व्यक्ति की इनकम घट रही हो और केवल दो लोगों की इनकम बढ़ती जा रही है. क्या आप चाहते हैं ऐसे भारत में रहना, जिसके बारे में लोग ऐसे ही सोचें जैसा आज हम रूस के बारे में सोचते हैं. अगर नहीं, तो आपको इस यात्रा से जुड़ना होगा.
कांग्रेस ने 7 सितंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की है, जिसमें राहुल गांधी समेत पार्टी के बड़े नेता शामिल हुए हैं. कांग्रेस की यह यात्रा 3,500 किलोमीटर लंबी है, जो लगभग 150 दिनों में पूरी की जाएगी, जो कन्याकुमारी से शुरू होगी और 12 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए कश्मीर में खत्म होगी.
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