'अरी दादा...', 'गए होंगे घुईंया के खेत में', 'आई लाइक इट'
अगर आप टीवी देखते हैं और कॉमेडी शो में दिलचस्पी है, तो आपने ये अनूठे जुमले जरूर सुने होंगे.
सही पकड़े हैं... बात हो रही है & टीवी पर आने वाले पॉपुलर शो 'भाबीजी घर पर हैं' की. घर-घर देखे जाने वाले इस शो का एंग्लो-स्पेनिश वर्जन लाए जाने की तैयारी है. 'भाबीजी घर पर हैं' एंग्लो-स्पेनिश वर्जन में 'लव दाइ नेबर' नाम से बनाया जा रहा है. जी एंटरटेनमेंट ने दुनियाभर के दर्शकों के लिए ऐसी ही दिलचस्प कहानी बनाने के लिए कनाडा में जी स्टूडियोज इंटरनेशनल बनाया है.
अब लब्बोलुआब ये है कि सीरियल तो बन जाएगा, लेकिन वो एक्सेंट कहां से आएगा, जो भ्रष्ट दारोगा हप्पू सिंह, निठल्ले लौंडे टीका-मलखान और गुलफाम कली बोला करते हैं. अगर कुछ पल्ले नहीं पड़ रहा है, तो पहले कहानी का प्लॉट 'पकड़' लीजिए.
सीरियल का प्लॉट
इस सीरियल में कानपुर के एक काल्पनिक मोहल्ले मॉर्डन कॉलोनी की कहानी दिखाई जाती है. इसमें दो पड़ोसी अपनी-अपनी पत्नियों के अलावा एक-दूसरे की पत्नियों पर भी फिदा हैं. अक्सर एक-दूसरे के घर में दाखिल होने से पहले 'संस्कारवश' पूछते हैं, 'भाबीजी घर पर हैं'.
इन चंचल, भोले मगर धूर्त और मजाकिया पड़ोसियों का किरदार निभाया है आसिफ शेख और रोहिताश गौड़ ने. इन दोनों को आप कई दूसरी फिल्मों में निगेटिव-पॉजिटिव रोल करते देख चुके होंगे.
आसिफ एक वेल एजुकेटेड, लेकिन ‘नल्ले’ (बेरोजगार) शख्स विभूति नारायण मिश्रा के किरदार में दिखते हैं, वहीं रोहिताश एक कच्छा-बनियान का ‘खोखा’ चलाने वाले मनमोहन तिवारी बने हैं. खास बात ये है कि अपनी असल उम्र में जवानी को कोसों दूर छोड़ चुके ये आसिफ-रोहिताश, युवा शादीशुदा पड़ोसियों के तौर पर दिख रहे हैं.
अगर एंग्लो-स्पेनिश वर्जन बन ही रहा है, तो दिक्कत है कि विभूति का 'आए एम सॉरी' वहां किस अंदाज में 'लो सीएंटो' बोला जाएगा, तिवारी जी किस अंदाज में अपने नौकर 'टिल्लू' को घसीटिया कर डाटेंगे, क्योंकि दोनों की शैली ठेठ है और यही इसका मजा है.
विभूति और मनमोहन की पत्नी के किरदार निभा रही हैं सौम्या टंडन और सुभांगी अत्रे. इन दोनों के नाम सीरियल में क्रमश: अनीता भाबी और अंगूरी भाबी है. किरदार की खासियत ये है कि अनीता जहां पढ़ी-लिखी ग्रूमिंग क्लासेज चलाने वाली वर्किंग वीमन हैं, वहीं अंगूरी कम पढ़ी-लिखी, भोली और पति को भगवान मानने वाली महिला.
अब दूसरी भाषा में जब ये शो स्पेनिश में बनेगा, तो अंगूरी भाबी के फेवरेट तकियाकलाम 'सही पकड़े हैं' को 'लो हेस एडिविनाडो' सुनना कैसा लगेगा, बता नहीं सकते.
'प्यार का पंचनामा'
अब दिक्कत ये है कि हमने बचपन में साइंस पढ़ ली थी और उसमें किसी कवि ने लिखा था, 'लाइक पोल रिपेल इच अदर, अनलाइक पोल अट्रैक्ट इच अदर'. इस फॉर्मूले का इस्तेमाल लेखक ने शो में किया है.
तो पढ़े-लिखे 'नल्ले' विभूति जी, कम पढ़ी-लिखी सीधी-सादी अंगूरी पर फिदा हैं. और कच्छा बनियान का खोखा चलाने वाले मनमोहन तिवारी, पढ़ी लिखी 'मॉर्डन' अनीता भाबी पर फिदा हैं. कहानी ऐसे ही रोज-रोज की तफरी, तकरार और तकलीफ में आगे बढ़ती है.
सीरियल में कुछ और अहम किरदार हैं, जैसे गायक, वकील, नाटककार और आगरे के पागलखाने के रिटर्न सक्सेना जी, जिन्हें बिजली के शॉक और थप्पड़ों से प्यार है. बात-बात में और थप्पड़ खाकर बोला करते हैं, 'I like It'.
वहीं हर-आती जाती लड़की पर छींटाकशी करने वाले गली-मोहल्ले के लौंडे टीका-मलखान. साथ ही एक भ्रष्ट दारोगा हप्पू सिंह भी हैं, जिनके नौ-नौ ठइयां बच्चे और एक प्रेग्नेंट बीवी है. ऐसे में आप समझ सकते होंगे कि सीरियल का मूड क्या होगा.
अब स्पेनिश में नौ-नौ ठइयां बच्चे और एक प्रेग्नेंट बीवी बोलते, तो शायद हप्पू सिंह अच्छे नहीं लगेंगे. और हां... अरी दादा... को ‘ओह मे पारडे’ सुनना कानों में जुकाम हो जाने जैसा है.
खैर जो भी हो, ये सीरियल घर-घर की पसंद है. जब टीवी पर आता है, तो एक बार को चेहरे पर मुस्कान जरूर आ जाती है. वहीं निराश, दुखी और जिंदगी से दूर जा रहे 'भइयाओं' को एक नया सहारा भी मिल जाता है. अगर आप इसे गुलफाम कली से जोड़ रहे हैं, तो आप 'गलत पकड़ रहे हैं'.
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