जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के बीच मुलाकात रद्द होने संबंधी चीन के दावे पर भारत ने सफाई दी है. भारत ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात और बातचीत रद्द होने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि ऐसा कोई प्रोग्राम पहले से तय ही नहीं था.
दरअसल, चीन ने गुरुवार को कहा कि हैम्बर्ग में मोदी-जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत के लिए माहौल सही नहीं है.
इससे पहले चीन ने गुरुवार को कहा था कि जर्मनी के हैम्बर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनफिंग की द्विपक्षीय वार्ता के लिए 'माहौल सही नहीं है. ' बता दें कि दोनों देशों की सेना के बीच सिक्किम सेक्टर में विवाद चल रहा है.
चीन की ओर से आए इस बयान से पहले कहा जा रहा था कि दोनों देश के बीच गतिरोध को खत्म करने के मोदी-जिनपिंग की बैठक हो सकती है.
क्या है मामला ?
भारत-चीन के बीच पिछले 20 दिन से टकराव चल रहा है. दरअसल, चीनी सेना के एक निर्माण दल का भूटान 'ट्राइजंक्शन' के पास डोक ला इलाके में सड़क बनाने के लिए आने के बाद ये विवाद शुरू हुआ.
डोक ला इस क्षेत्र का भारतीय नाम है, जिसे भूटान डोकलाम के रूप में मान्यता देता है जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग इलाके का हिस्सा बताता है.
ऐसे में चीन ने कहा है भारत को चीन-भूटान सीमा वार्ता में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है. वो भूटान की तरफ से क्षेत्र को लेकर दावा करने के लिए अधिकृत है. इस गतिरोध पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की हालिया कार्रवाइयों से भारत गंभीर रूप से चिंतित है और उसने चीनी सरकार को इस बात से अवगत करा दिया है. इस तरह के निर्माण से भारत की सुरक्षा को लेकर गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी.
वहीं चीन के राजदूत ने कहा कि नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भारत अपने सैनिकों को तत्काल वापस बुलाए, ये दोनों देशों के हितों से जुड़ा हुआ है.
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