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अमेरिका पढ़ने जा रहे हैं भारतीय छात्र कम, वजह हैं श्रीमान ट्रंप

अमेरिका में पढ़ने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स में अब भारतीय नहीं रहेंगे नंबर 2

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अमेरिकी कॉलेजों द्वारा भारतीयों को दिए गए ऑफर्स में हुआ 12% का इजाफा

लेकिन एनरोलमेंट रेट में हुई 4% की गिरावट, जान-माल की चिंता सबसे बड़ा कारण

80% कॉलेजों का मानना है फिजिकल सेफ्टी है मुख्य वजह, मिडिल ईस्ट से होने वाले एनरोलमेंट में हुई 52% की गिरावट

चीन से होने वाले एनरोलमेंट में 2% की गिरावट दर्ज, एशियाई छात्रों के एनरोलमेंट रेट में 3% की गिरावट

एशियाई छात्रों (चीन और भारत को छोड़कर) को दिए गए एडमिशन ऑफर्स में हुआ 8% का इजाफा

2016 में अमेरिका में डोनॉल्ड ट्रंप की सरकार आने के बाद से इंडियन स्टूडेंट्स का यूएस में पढ़ाई को लेकर रुझान गिरा है. जबकि यूएस एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स ने इस बार ज्यादा भारतीयों को एडमिशन ऑफर दिए थे. इस बात का खुलासा 'शिफ्टिंग ट्रेंड्स: अंडरस्टेंडिंग इंटरनेशनल स्टूडेंट यील्ड फॉर फॉल 2017' में हुआ. यह सर्वे 33 कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट्स पर किया गया.

सर्वे में खुलासा हुआ कि इस साल कॉलेजों ने भारतीयों को 12% ज्यादा एडमिशन ऑफर दिए. लेकिन एडमिशन की दर 27% से घटकर 23% रह गई. सर्वे के मुताबिक अब इंडियन स्टूडेंट्स का समूह, अमेरिका में शिक्षा पाने वाला दूसरा सबसे बड़ा समूह नहीं रहेगा.

(एडमिशन रेट- कुल छात्रों को दिए गए एडमीशन ऑफर में एनरोलमेंट लेने वाले छात्रों की संख्या)

डर है कम एडमिशन की वजह!

80% इंस्टीट्यूशन्स के मुताबिक छात्रों को सबसे ज्यादा खुद की फिजिकल सेफ्टी का डर है. वहीं 31% का ये भी मानना है कि अमेरिका में उनका आना पसंद नहीं किया जाता. मतलब अमेरिकी लोग खुले दिल से उनका स्वागत नहीं किया जाता.

ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही अमेरिका में बाहरी लोगों के प्रति नकारात्मकता में इजाफा हुआ है. भारतीयों पर नस्लीय हमले की वारदातें भी सामने आईं हैं. अमेरिका के कैनसास में एक भारतीय इंजीनियर की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद एक बिजनेसमैन हर्निश पटेल की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं एक सिख युवक दीप राय को यह कहते हुए गोली मार दी कि 'मेरे देश से निकल जाओ'.

ट्रंप ने अपने चुनाव कैंपेन में भी प्रवासियों के मुद्दे पर काफी नकारात्मक बातें की थी. इसी क्रम में उन्होंने नौकरियों के लिए जारी होने वाले H1B1 वीजा पर भी सख्ती अपनाने की धमकी दी थी. ट्रंप ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार तक खड़े करने की बात कही थी.

संस्थानों को डर है एडमिशन लेकर भी नहीं आएंगे छात्र

सर्वे के मुताबिक सबसे ज्यादा डर मिडिल ईस्ट, उसके बाद भारत के छात्रों को है. 31% संस्थानों को डर है कि मिडिल ईस्ट के छात्र एडमीशन लेने के बाद भी यूनिवर्सिटी में एनरोल नहीं होंगे. वहीं भारतीय छात्रों के बारे में 20% संस्थानों को यह डर सता रहा है.

लेकिन कॉलेजों के पूरे एडमिशन में नहीं आई बड़ी गिरावट

अंदाजा लगाया जा रहा था अमेरिकी कॉलेजों में होने वाले एनरोलमेंट में बड़े पैमाने पर गिरावट दर्ज की जा सकती है. कई रिपोर्टों में इस बात का दावा भी किया गया. लेकिन इस सर्वे के मुताबिक एनरोलमेंट रेट में सिर्फ 2% की गिरावट दर्ज की गई. पिछले साल यह रेट 26% था, वहीं इस साल घटकर मात्र 24% रह गया.

अमेरिकी राज्य मैसाचुसेट्स (31%) और न्यू यार्क (22%) में पिछले बार की तुलना में एनरोलमेंट रेट स्थिर रहा. कैलिफोर्निया में 2% के इजाफे के साथ एनरोलमेंट रेट 25% पहुंच गया. वहीं टैक्सास प्रांत में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई.

(आंकड़ों का सोर्स: इकोनॉमिक टाइम्स)

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