ADVERTISEMENTREMOVE AD

रूस ने खत्म किए केमिकल हथियार, इनके बारे में कितना जानते हैं आप?

रासायनिक हथियार या केमिकल वेपन का इस्तेमाल गैस या लिक्विड के तौर पर किया जाता है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रूस ने अपनी आखिरी रासायनिक हथियारों की खेप को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. रासायनिक निरस्त्रीकरण के स्टेट कमीशन के अध्यक्ष बाबिच ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि रासायानिक हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया को तय समय से पहले ही पूरा कर लिया गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘दुनिया को सुरक्षित बनाने में बड़ा कदम’

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुतिन के हवाले से बताया, "हम कह सकते हैं कि ये यकीनन एक ऐतिहासिक क्षण है." मिखाइल के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि रासायनिक हथियारों का भंडार धरती पर जिंदगी को कई बार खत्म कर सकता है.

पुतिन ने कहा, "दुनिया को अधिक संतुलित और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में यह बहुत ही बड़ा कदम है."

पुतिन ने याद करते हुए कहा कि रासायनिक हथियार समझौते (CWC) पर हस्ताक्षर करने वाला रूस पहला देश था.

सीरिया में हुआ था रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल

इसी साल अप्रैल के महीने में पूरी दुनिया ने रासायनिक हथियारों के असर को सीरिया में महसूस किया था. आरोप था वहां की असद सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद पूरी दुनिया में इस हमले का जोरदार विरोध हुआ.

इस हमले में 70 लोगों की मौत की खबरें आईं थी और कुछ तस्वीरें ने मानवता को झकझोर कर रख दिया था. नतीजा ये हुआ कि अमेरिका ने सीरिया पर मिसाइल दाग दी थी. ऐसा माना जाता है कि सीरिया के पास रासायनिक हथियारों का बड़ा भंडार है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या हैं रासायनिक हथियार? कितना होता है नुकसान?

रासायनिक हथियार या केमिकल वेपन का इस्तेमाल गैस या लिक्विड के तौर पर किया जाता है. ऐसे में इनके फैलने की रफ्तार बहुत तेज होती है और हजारों जानें कुछ ही मिनटों में चली जाती हैं.

सल्फर मस्टर्ड (मस्टर्ड गैस):

मस्टर्ड गैस को हथियारों के तौर पर पहली बार फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में इस्तेमाल किया गया था. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी गंध लहसुन, प्याज या सरसों (मस्टर्ड) जैसी होती है. शरीर के संपर्क में आने के कुछ घंटों के बाद ये धीरे-धीरे असर दिखाने लगती है, शरीर पर लाल दाग के साथ ही घाव बनने लगता है.

इसकी जद में आने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है जिससे पीड़ित की मौत भी हो सकती है. मस्टर्ड गैस का कोई भी एंटीडॉट नहीं है, ऐसे में शरीर को खामियाजा भुगतना ही पड़ता है.

सारिन:

साइनाइड का नाम तो आपने सुना ही होगा, सारिन, साइनाइड से 20 गुना ज्यादा खतरनाक होता है. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि इसे डिटेक्ट करना तकरीबन असंभव है, क्योंकि इस बिना रंग और स्वाद वाले लिक्विड का कोई गंध भी नहीं होता.

ये तेज रफ्तार से वाष्पीकृत (evaporate) होकर हवा में घुल जाती है और बन जाती है हजारों मौतों का कारण. त्वचा और आंख के जरिए ये किसी के संपर्क में आता है और आंख, नाक से पानी बहने लगता है उल्टियां शुरू हो जाती हैं. महज 1 से 10 मिनट में ही शरीर अकड़ने के बाद किसी भी शख्स की इससे मौत हो सकती है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीएक्स (VX):

वेपन के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला वीएक्स दुनिया के सबसे खतरनाक केमिकल्स में से एक हैं. ये सारिन से भी 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है. शुरुआत में इसे पेस्टीसाइड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन बाद में इसके बेहद बुरे असर को देखते हुए खेतों में इसका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया.

भूरे रंग के इस लिक्विड का कोई स्वाद और गंध नहीं होता है. हवा में एक बार घुलने के बाद त्वचा और आंख के जरिए ये इंसान के शरीर में पहुंच जाता है. वीएक्स, कुछ हद तक सारिन जैसा ही होता है, लेकिन एक खास अंतर दोनों के बीच ये है कि इसका वाष्पीकरण थोड़ा धीमे होता है साथ ही ये मौसम के हिसाब से ज्यादा देर तक हवा में बना रहता है. ऐसे में लंबे समय तक इसका खतरा बना रहता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×