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Ganesh Chaturthi 2021:महत्व, इतिहास व पौराणिक कथा, भारत में इसे क्यों मनाया जाता

Ganesh Chaturthi 2021: चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को वस्त्र और उपनयन से सजाया जाता है.

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Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाई जाती है. मान्‍यता है कि इस दिन भगवान गणेशजी का जन्‍म हुआ था, इस साल गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को मनाई जाएगी. 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का समापन 19 सितंबर को होगा.

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चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को वस्त्र और उपनयन से सजाया जाता है. उनकी विधिवत पूजन व आरती की जाती है. गणेश उत्सव का यह त्योहार मुख्य तौर पर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में मनाया जाता है.

गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे मान्यता

गणेश चतुर्थी मनाने को लेकर कई पौराणिक कथाएं हैं, उनमें से एक कथा के अुसार एक बार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी को लिपिबद्ध करने के लिए कहा. जिस पर गणेश जी ने कहा मैं अपनी कलम से जब लिखना प्रारंभ करूंगा तो बीच में कही भी रुकूंगा नहीं और यदि कलम रुक गई तो लिखना छोड़ दूंगा.

जिसके बाद गणेशजी ने महाभारत को लिपिबद्ध करना प्रारंभ किया और वह 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन यह कार्य समाप्त कर उठे. इन 10 दिनों तक गणेश जी एक ही मुद्रा में बैठकर महाभारत को लिपिबद्ध करते रहे, इस कारण यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है.

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गणेश चतुर्थी का इतिहास

भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. कुछ इतिहासकारों की मानें तो महाराष्ट्र में सातवाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य राजाओं ने गणेशोत्सव की प्रथा की शुरुआत की थी.

छत्रपति शिवाजी महाराज गणेशजी की उपासना करते थे और उन्हें उन्होंने अपनी संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए ये पर्व मनाना शुरू किया. वहीं शिवाजी महाराजा के बाद पेशवा राजाओं ने गणेशोत्सव को बढ़ावा दिया.

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