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Ganesh Chaturthi: मुंबई, दिल्ली व अन्य शहरों में गणेश स्थापना मुहूर्त व आरती

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है.

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Ganesh Ji Ki Aarti: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्षा की चतुर्थी तिथि को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि इस चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था. महाराष्ट्र समेत देश भर में गणेशोत्सव को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. 10 दिन तक चलने वाले यह महोत्सव गणेश चतुर्थी तिथि यानि 31 अगस्त से शुरू होकर 9 सितंबर को समाप्त होगा. गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणपति जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक पूरे विधि विधान से पूजा करने के बाद आखिरी दिन विसर्जन किया जाता है.

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मान्यता हैं कि इन दस दिनों में भगवान गणेश की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी के नामों से भी जाना जाता है.

Ganesh Sthapana Muhurat: जानें अपने शहर में गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त

  • गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 30 अगस्त, मंगलवार, दोपहर 03:32 मिनट से

  • गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त- 31 अगस्त, बुधवार, दोपहर 03:22 मिनट पर

  • गणपति स्थापना का मुहूर्त- 31 अगस्त, बुधवार, प्रातः 11:05 से शुरू होकर 1 सितंबर, रात 01:38 तक.

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अन्य शहरों में गणेश चतुर्थी मुहूर्त

  • 11:20 AM से 01:50 PM- पुणे

  • 11:05 AM से 01:38 PM- नई दिल्ली

  • 10:55 AM से 01:24 PM- चेन्नई

  • 11:11 AM से 01:43 PM- जयपुर

  • 11:01 AM से 01:31 PM- हैदराबाद

  • 11:05 AM से 01:39 PM- गुरुग्राम

  • 11:06 AM से 01:40 PM- चण्डीगढ़

  • 10:21 AM से 12:52 PM- कोलकाता

  • 11:24 AM से 01:54 PM- मुम्बई

  • 11:06 AM से 01:34 PM- बेंगलूरु

  • 11:24 AM से 01:56 PM- अहमदाबाद

  • 11:04 AM से 01:37 PM- नोएडा

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गणेश चतुर्थी : मंत्र

  • ऊं एकदंताय विधामहे, वक्रतुंडाय धिमही, तन्नो दंति प्रचोदयात्

  • ऊं वक्रतुंडायक नृत्यस्त्रय क्लिंग हिंग श्रृंग गण गणपतये वर वरदा सर्वजनं मे वाशमनय स्वाहा

  • वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभः निर्विघ्नम कुरुमेदेव सर्व कार्येषु सर्वदा

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Ganesh Ji Ki Aarti: श्री गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

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