Kuber Aarti: धनतेरस के दिन खरीदारी का चलन है. इस दिन लोग अपने-अपने घरों के लिए बर्तन, सोना-चांदी और अन्य चीजें खरीदते हैं. कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी ने धन संबंधी कार्यों का लेखा-जोखा भगवान कुबेर को सौंप रखा है जो स्वंय धनों के देवता कहे जाते हैं इसलिए धनतेरस के दिन धन प्राप्ति और लाभ पाने के लिए भगवान कुबेर की पूजा की जाती है.
Kuber Aarti: कुबेर जी की आरती
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े,
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे।।।॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥
Kuber Aarti: धनतेरस शुभ मुहूर्त
धनतेरस पूजा मुहूर्त: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 05 बजकर 59 मिनट तक
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)