पारसी न्यू ईयर इस बार 17 अगस्त को मनाया जा रहा है. इसे नवरोज के नाम से भी जाना जाता है. पारसी समुदाय के लोग इसे बहुत ही धूम-धाम से मनाते हैं, क्योंकि उनके लिए ये पर्व बहुत ही खास होता है.
ईरान के कुछ हिस्सों में रहने वाले पारसी लोग 31 मार्च को नया साल मनाते हैं. नवरोज मनाने की परंपरा करीब 3000 सालों से चली आ रही है.
नवरोज के अवसर पर इस समाज के सभी लोग पारसी धर्मशाला में इकट्ठा होकर प्रार्थना करते हैं. लोग नए कपड़े पहनते हैं और अपने घरों को भी सजाते हैं.
Nowruz 2019: नए साल से पहले 5 दिन होती है ‘गाथा’
पारसियों में 1 साल 360 दिन का और 5 दिन गाथा के लिए होते हैं. गाथा का मतलब है अपने पूर्वजों को याद करने का दिन. साल खत्म होने के ठीक 5 दिन पहले पूर्वजों को याद किया जाता है. इसका भी एक खास तरीका है. सुबह 3.30 बजे से इसके लिए खास पूजा-अर्चना की जाती है. पारसी लोग चांदी या स्टील के पात्र में फूल रखकर अपने पूर्वजों को याद करते हैं.
पारसी समाज में अग्नि का भी विशेष महत्व है और इसकी खास पूजा भी की जाती है.
Parsi New Year: घरों पर बनते हैं पकवान
नवरोज यानी पारसी न्यू ईयर वाले दिन लोगों का घर में आना-जाना और बधाइयों का सिलसिला चलता है. इस खास दिन पर पारसी समुदाय के लोगों के घरों में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. साथ ही घर आने वाले मेहमानों को मीठे में फालूदा खिलाया जाता है. पारसी समाज में नया साल आज भी पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है.
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