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Surya Grahan 2020: ग्रहण के दौरान इस मंदिर के पट नहीं होते बंद 

21 जून आषाढ़ अमावस्या को लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल माना जाएगा

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21 जून, रविवार के दिन सूर्य ग्रहण लगने वाला है. ये ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और दिन में 03 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. भारत में ये सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. भारत के अलावा अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में भी दिखाई देगा.

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विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं.

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भारत समेत इन देशों में देखा जा सकता ग्रहण

भारत में यह ग्रहण आंशिक रूप से नयी दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, कोलकाता, चंडीगढ़, बंगलौर, लखनऊ, चैन्नई जैसे कुछ प्रमुख शहरों में देखा जा सकता है. इसके अलावा यह नेपाल, यूऐई, पाकिस्तान, सऊदी अरब, एथोपिया और कोंगों जैसे देशों में भी दिखेगा.

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सूतक काल

ग्रहण होने के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है. सूतक के समय को सामान्यता अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्य करना वर्जित होता है. सूर्य ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिए जाते है. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन नहीं किए जाते हैं.

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ग्रहण के दौरान इस मंदिर के पट बंद नहीं होते

देश में एक ऐसा मंदिर भी है जो ग्रहण के सूतक मे भी खुला रहता है. ये आंध्र प्रदेश का मशहूर कालहस्ती मंदिर है. जहां सूर्य ग्रहण के दौरान देश के सभी मंदिर 12 घंटों के लिए बंद हैं वहीं इकलौते इस मंदिर में राहू और केतू पूजा अर्चना की जाती है, इसलिए ग्रहण के दौरान भी ये मंदिर खुला रहता है. यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है.

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवाम महाकालेश्वर मंदिर के पट गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने भगवान महाकाल का जाप किया जाता है. हालांकि, देश के ज्यादातर मंदिरों के पट इस दौरान बंद कर दिये जाते हैं.

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