Gudi Padwa 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र महीने की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरूआत होती है, इस तिथि को नवसंवत्सर भी कहा जाता है. महाराष्ट्र और कोंकण में इसे गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता हैं जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मराठी समुदाय के लोग अपने घर के बाहर गुड़ी बांधकर पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन इस तरह से पूजा करने से नया साल सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आएगा. वहीं दक्षिण भारत में ये त्योहार उगाडी (Ugadi) के रूप में मनाया जाता है.
गुड़ी पड़वा 2023 डेट और मुहूर्त
गुड़ी पड़वा बुधवार, 22 मार्च, 2023 को मनाई जाएगी.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 21 मार्च, 2023 को 10:52 पी एम बजे से.
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 22 मार्च, 2023 को 08:20 पी एम बजे तक.
गुड़ी पड़वा के पूजा का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक.
इस दिन चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) भी शुरू होते हैं. इसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्र में कई लोग पूरे नौ दिन तक, तो कुछ लोग सिर्फ पहले और आखिरी दिन यानि नवमी के दिन व्रत रखते हैं.
गुड़ी पड़वा का महत्व
शास्त्रों के मुताबिक गुड़ी पड़वा को संसार का पहला दिन माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी. इसी दिन संसार में सूर्य देव पहली बार उदय हुए थे. वहीं पौराणिक कथा है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने बाली का वध करके लोगों को उसके आतंक से छुटकारा दिलाया था.
जिसके चलते इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. यही वजह है कि इस दिन लोग अपने घर के बाहर विजय पताका फहराकर जश्न मनाते हैं. वहीं इसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी घुसपैठियों को पराजित किया था. इस जीत का जश्न शिवाजी महाराज और उनके साथियों ने गुड़ी फहराकर मनाया था.
गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें
सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर घर की सफाई करें.
घर के अंदर और बाहर फूलों की माला, मिट्टी के दीयों और रंगोली सजाएं.
पूजा करने से पहले नए कपड़े पहने.
रेशमी दुपट्टे का इस्तेमाल करके गुड़ी के झंडे बनाए जाते हैं, साथ ही बांस की छड़ी पर उलटे तरीके से कलश रखने की परंपरा है, जिसे विजय का प्रतीक माना जाता है.
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