Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) का 22 मार्च बुधवार से शुरू हो रहा है, हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र महीने (Chaitra Month) की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नववर्ष की शुरूआत होती है, इस तिथि को नवसंवत्सर (Nav Samvatsar) भी कहा जाता है. महाराष्ट्र और कोंकण में इसे गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के नाम से जाना जाता हैं जिसे बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. हिन्दू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) पूजा-पाठ के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
जब हिन्दू नव वर्ष का आरंभ होता है तब बसंत ऋतु का भी आगमन होता है. चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला पर्व मां दुर्गा के स्वागत से आरंभ होता है चैत्र प्रतिपदा से ही चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) शुरु होते हैं जो पूरे 9 दिन तक बाद नवमी को सामाप्त होते हैं.
Hindu Calendar Months: नव संवत्सर 2080
चैत्र माह 22 मार्च 2023 - 6 अप्रैल 2023
वैशाख माह 7 अप्रैल 2023 - 5 मई 2023
ज्येष्ठ माह 6 मई 2023 - 4 जून 2023
आषाढ़ माह 5 जून 2023 - 3 जुलाई 2023
श्रावण माह 4 जुलाई 2023 - 31 अगस्त 2023
(अधिक माह होने से यह महीना इस बार 60 दिन का होगा)
भाद्रपद माह 1 सितंबर 2023 - 29 सितंबर 2023
आश्विन माह 30 सितंबर 2023 - 28 अक्टूबर 2023
कार्तिक माह 29 अक्टूबर 2023 - 27 नवंबर 2023
मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 - 26 दिसंबर 2023
पौष माह 27 दिसंबर 2023 - 25 जनवरी 2024
माघ माह 26 जनवरी 2024 - 24 फरवरी 2024
फाल्गुन माह 25 फरवरी 2024 - 25 मार्च 2024
गुड़ी पड़वा 2023 डेट और मुहूर्त
गुड़ी पड़वा बुधवार, 22 मार्च, 2023 को मनाई जाएगी.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 21 मार्च, 2023 को 10:52 पी एम बजे से.
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 22 मार्च, 2023 को 08:20 पी एम बजे तक.
गुड़ी पड़वा के पूजा का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक.
गुड़ी पड़वा का महत्व
शास्त्रों के मुताबिक गुड़ी पड़वा को संसार का पहला दिन माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी. इसी दिन संसार में सूर्य देव पहली बार उदय हुए थे. वहीं पौराणिक कथा है कि इसी दिन भगवान श्री राम ने बाली का वध करके लोगों को उसके आतंक से छुटकारा दिलाया था.
जिसके चलते इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. यही वजह है कि इस दिन लोग अपने घर के बाहर विजय पताका फहराकर जश्न मनाते हैं. वहीं इसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने विदेशी घुसपैठियों को पराजित किया था. इस जीत का जश्न शिवाजी महाराज और उनके साथियों ने गुड़ी फहराकर मनाया था.
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