Ramadan moon sighting 2024: मुस्लिम (Muslim) समुदाय का सबसे पाक (पवित्र) रमजान का महीना भारत में इस साल 11 या 12 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है. अगर 11 मार्च को चांद नजर आता है, तो ऐसे में 12 मार्च को पहला रोजा रखा जा सकता है. यदि चांद नहीं नजर आया तो पहला रोजा बुधवार 13 मार्च को रखा जाएगा.
रमजान के महीने में 30 दिनों तक रोजा रखा जाता हैं इस दौरान मुसलमान सूर्य निकलने के बाद और सूर्य अस्त होने से पहले अन्न ग्रहण नहीं करते है. इसके अलावा पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता और अपनी बातों से किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते है.
इस एक महीने में रोजे के दौरान सभी तय वक्त पर सुबह को सहरी और शाम को इफ्तार करते हैं. रोजे में सहरी और इफ्तार दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी का समय होता है. इस दौरान लोग खाते-पीते हैं. इसके बाद सुबह फज्र की अजान के साथ रोजा शुरू होता है और सूरज ढलने के बाद मगरिब की अजान होने पर रोजा खोला जाता है.
ईद कब मनाई जाएगी
रमजान का महीना खत्म होने के साथ ही ईद का त्योहार मनाया जाएगा. इस त्योहार को ईद या ईद-उल-फितर कहा जाता है जो कि 10 या 11 अप्रैल, 2024 को मनायें जाने की उम्मीद है, दरअसल ईद की तारीख चांद दिखने की तारीख पर निर्भर करती है.
रमजान में तीन अशरे क्या
रमजान के महीने में 3 अशरे होते हैं. पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का और तीसरा अशरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है.
ऐसा माना जाता है कि रमजान के महीने को लेकर पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा था कि रमजान की शुरुआत में रहमत है, बीच में मगफिरत यानी माफी है और इसके अंत में जहन्नम की आग से बचाव है.
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