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पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से नूपुर शर्मा विवाद से जोड़कर कई फेक दावे सोशल मीडिया पर वायरल हुए. कभी यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का 7 साल पुराना वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि उन्होंने नूपुर शर्मा का समर्थन किया है. तो कभी अमित शाह के नाम पर एक फेक लेटर शेयर कर ये दावा किया गया कि उन्होंने नूपुर शर्मा को Z सिक्योरिटी देने के लिए कहा है.
कानपुर में हुई हिंसा (Kanpur Violence) से जोड़कर भी कई फेक दावे वायरल हुए हैं. जैसे इटावा का पुराना वीडियो कानपुर हिंसा का बता शेयर किया गया. ऐसे ही बरेली का एक और वीडियो भी कानपुर का बताकर शेयर किया गया.
नूपुर शर्मा विवाद के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) की एक महिला एंकर की बुर्के में फोटो शेयर कर ये दावा किया गया कि ये कतर (Qatar) की महिला एंकर है जो भारत में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' को लेकर चिंता जाहिर कर रही है. ऐसे तमाम दावों की पड़ताल कर क्विंंट की वेबकूफ टीम ने उनका सच बताया.
योगी आदित्यनाथ का सार्वजनिक मंच से बोलते हुए एक वीडियो शेयर कर ये दावा किया गया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद नूपुर शर्मा का समर्थन किया है.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं, बल्कि 2015 का है. तब योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में विश्व हिंदू महासंघ के एक कार्यक्रम के दौरान दूधेश्वरनाथ मंदिर में 2015 में स्पीच दी थी. इस स्पीच का एक छोटा सा हिस्सा गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. इसका नूपुर शर्मा विवाद से कोई संबंध नहीं है.
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गृहमंत्री अमित शाह के बताए जा रहे एक लैटर की कॉपी वायरल हुई. दावा किया गया कि अमित शाह ने ये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लैटर लिखकर नूपुर शर्मा को Z सुरक्षा देने के लिए कहा है.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये लैटर फेक है. इसी फॉर्मेट में पिछले साल भी एक लेटर वायरल हुआ था. ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट भी अब तक मीडिया में नहीं आई है जिससे पुष्टि होती हो कि नूपुर शर्मा को सरकार ने Z सुरक्षा दी है.
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कानपुर हिंसा का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. वीडियो में एक पुलिसकर्मी फोन पर बात करता नजर आ रहा है और विधायक और जिलाध्यक्ष का जिक्र करते हुए बोल रहा है कि BJP वाले बम लेकर भी आए थे. फोन में पुलिसकर्मी पत्थरबाजी के बारे में बात करता नजर आ रहा है.
हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो कानपुर का नहीं है. ये वीडियो 2021 का है और यूपी के इटावा का है. तब इटावा में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी और एसपी सिटी प्रशांत कुमार प्रसाद का ये वीडियो वायरल हुआ था. तब इटावा एसपी रहे प्रशांत कुमार ने भी क्विंट को बताया कि ये वीडियो कानपुर का नहीं है.
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कानपुर हिंसा का बताकर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें भीड़ के बीच 2 लोग हाथ में बंदूक लिए दिख रहे हैं. दावा किया गया कि कानपुर में नमाज के बाद हुए प्रदर्शन और हिंसा के बीच फायरिंग की गई.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो कानपुर में हुई हालिया हिंसा से एक साल पहले का है और बरेली का है. बरेली पुलिस ने भी आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि 9 मई, 2021 को बरेली के भोजीपुरा इलाके में एक ही समुदाय के लोगों के बीच मीट खरीदने को लेकर विवाद हो गया था. ये वीडियो उसी घटना का है.
नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयकर की गई. दावा किया गया कि कतर (Qatar) में बुर्का पहनकर खबर पढ़ रही एंकर ने भारत में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' को लेकर चिंता जाहिर की.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये तस्वीर न तो हाल की है और न ही इसका पैगंबर को लेकर बीजेपी प्रवक्ता की तरफ से की गई टिप्पणी से कोई संबंध है. असल में ये फोटो अफगानिस्तान में खबर पढ़ रही महिला एंकर की है.
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