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कांग्रेस (Congress) चिंतन शिविर में शशि थरूर के डांस करने से जुड़े झूठे दावे से लेकर आजम खान (Azam Khan) के गिरफ्तारी से पहले के वीडियो को हाल में रिहाई के बाद का बताकर शेयर करने तक. पीएम मोदी के विरोध में Go Back Modi लिखी एडिटेड तस्वीर से लेकर DU प्रोफेसर रतनलाल (Professor Ratan Lal) की गिरफ्तारी के गलत दावे से शेयर किए जा रहे पुराने वीडियो तक. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इस हफ्ते ऐसे कई फेक दावों की पड़ताल की. डालते हैं इन सभी दावों की पड़ताल पर एक सरसरी नजर.
कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का डांस करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया गया कि ये वीडियो राजस्थान के उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर का है. वीडियो में फिल्म 'नो एंट्री' का गाना भी बज रहा है.
हालांकि, पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. शशि थरूर का ये वीडियो कांग्रेस के चिंतन शिविर का नहीं, बल्कि केरल में हुए कांग्रेस के एक कार्यक्रम का है, जहां शशि थरूर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
इसके अलावा, मलयालम फिल्म 'भीष्म पर्वम' के गाने 'परुदीसा' की तर्ज पर बनाया गया चुनावी गीत बज रहा था, जिसे महिला कार्यकर्ताओं ने तैयार किया था. इस गाने को हटाकर फिल्म 'नो एंट्री' का गाना जोड़ा गया है.
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रामपुर से SP विधायक आजम खान का एक वीडियो हाल का बताकर शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि आजम खान दोबारा जेल जाने से डर रहे हैं. वीडियो में आजम खान कहते दिख रहे हैं, ''हमको अपनी जान बचाना मुश्किल पड़ रही है, हमें किसी के बयान से क्या लेना''.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो हाल का नहीं, बल्कि दिसंबर 2019 का है. जब News 24 के रिपोर्टर मनीष कुमार ने राहुल गांधी के 'रेप इन इंडिया' वाले विवादास्पद बयान पर तब लोकसभा सांसद आजम खान से प्रतिक्रिया ली थी.
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सोशल मीडिया पर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लगे बोर्ड की तस्वीर वायरल हो रही है. इस बोर्ड पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ Go Back Modi लिखा दिख रहा है.
हमारी पड़ताल में ये फोटो एडिटेड निकली. वायरल हो रही ये फोटो कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन की है. हमें देश की सबसे लंबी दूरी वाली ट्रेन (डिबरूगढ़ से कन्याकुमारी) का एक टाइम लैप्स वीडियो मिला. वीडियो के 1 मिनट 43 सेकंड पर वायरल विजुअल दिख रहा है जिसे एडिट कर बोर्ड पर Go Back Modi लिखा गया.
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ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में 'शिवलिंग' मिलने को लेकर विवादित टिप्पणी करने के आरोपी दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल का बता एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी एक शख्स को लंबी छड़ से पकड़ते देखे जा सकते हैं. इस छड़ में आगे राउंड शेप में पकड़ने के लिए सांचा बना हुआ है, जिससे शख्स को पकड़ा गया है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स रतन लाल नहीं हैं, क्योंकि ये वीडियो 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान का है. वीडियो में चंडीगढ़ पुलिस की डेवलप की गई उस डिवाइस को दिखाया गया है, जिसे कोविड नियमों का पालन न करने वालों को पकड़ने के लिए तैयार किया गया था. वीडियो को तब डीजीपी चंडीगढ़ ने भी ट्वीट किया था.
मतलब साफ है कि ये वीडियो प्रो. रतन लाल का नहीं है.
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असम में आई बाढ़ से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें तीन लोगों का एक परिवार पुल गिरने की वजह से पानी में गिरकर डूबते दिख रहा है. दावा किया जा गया कि ये घटना हाल में बाढ़ प्रभावित असम की है.
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