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भारत में भी कोविड-19 (Covid19) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicro) ने दस्तक दे दी है. इस हफ्ते सोशल मीडिया पर ओमिक्रॉन को लेकर किए जाने वाले भ्रामक दावों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. एक वायरल मैसेज में दावा किया गया कि ओमिक्रॉन कोविड के पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा खतरनाक है, जबकि वैज्ञानिक तौर पर अब तक ये साबित नहीं हुआ है.
उत्तरप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले यूपी से जुड़े कई भ्रामक दावों का सिलसिला भी जारी है. कहीं राजस्थान से आए बेरोजगारों की फोटो को UPTET परीक्षा का बताकर शेयर किया गया. तो कहीं ये झूठा दावा किया गया कि अखिलेश यादव ने चुनाव जीतने पर अयोध्या का नाम बदलने की बात कही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई मैसेजेस में दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन कोविड 19 के पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक और जानलेवा है. वायरल मैसेज दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों के ग्रुप द्वारा जारी की गई चेतावनी की तरह पेश किया जा रहा है.4
हमारी पड़ताल में सामने आया कि वायरल हो रहे इस पोस्ट में किए गए दावे कुछ वैसे ही हैं, जैसे कोरोना वायरस के नए डेल्टा वैरिएंट के सामने आने के बाद किए गए थे. इन दावों की क्विंट की वेबकूफ टीम ने पड़ताल भी की थी.
WHO की तरफ से ऐसा कोई ऑफिशियल बयान जारी नहीं किया गया है , जिसमें ये कहा गया हो कि ये वैरिएंट पहले से मौजूद वैरिएंट की तुलना में ज्यादा गंभीर या घातक है.
29 नवंबर को WHO ने इस वैरिएंट पर एक टेक्निकल पेपर जारी कर कहा कि 'ओमिक्रॉन से संबंधित पूरी दुनिया में जोखिम का आंकलन काफी ज्यादा है.'' इसमें सभी सदस्य देशों को निगरानी बढ़ाने, कोविड से जुड़ी सावधानियां बरतने और वैक्सीनेशन पर जोर देने की सलाह भी दी गई है.
जब डेल्टा वैरिएंट दुनियाभर में फैल रहा था, तब भी यही मैसेज वायरल हुआ था. उस समय वायरल टेक्स्ट में ये दावा भी किया गया था कि डेल्टा वैरिएंट पिछले वैरिएंट की तुलना में घातक है और RT-PCR टेस्ट से इसकी पहचान नहीं की जा सकती.
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सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल रिपब्लिक भारत के बुलेटिन का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है - अयोध्या का नाम बदल देंगे अखिलेश. ये स्क्रीनशॉट आगामी उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच शेयर किया जा रहा है. कई सोशल मीडिया यूजर स्क्रीनशॉट शेयर कर सपा को वोट न देने की अपील भी कर रहे हैं.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये बयान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नहीं बल्कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रिपब्लिक भारत को दिए इंटरव्यू में दिया था.
पूरा इंटरव्यू देखने पर पता चलता है कि AIMIM नेता असदउद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव के बारे में बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर ये नेता सरकार बनाने में कामयाब होते हैं, तो वो अयोध्या और प्रयागराज का नाम भी बदल सकते हैं.
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सोशल मीडिया पर जमीन पर सोते दिख युवाओं की एक फोटो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो UPTET परीक्षा देने गए छात्रों की है, जिन्हें पेपर रद्द होने के बाद प्रशासन की बदइंतजामी के चलते खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी.
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने क्विंट से बातचीत में पुष्टि करते हुए कहा कि इस फोटो का UPTET परीक्षा से कोई संबंध नहीं है, फोटो उनके द्वारा किए गए प्रोटेस्ट की है. उपेन यादव ने कहा,
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वायरल मैसेज में लिखा है कि Pfizer सीईओ अल्बर्ट बौर्ला को धोखाधड़ी के कई मामलों में शुक्रवार को FBI ने गिरफ्तार किया था. साथ ही, ये दावा किया गया कि इस मामले में 'मीडिया ब्लैकआउट' था यानी इस खबर को मीडिया ने नहीं दिखाया.
हमने Albert Bourla नाम के साथ सर्च किया, ताकि जान सकें कि क्या किसी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट ने उनकी गिरफ्तारी से संबंधित रिपोर्ट छापी है? लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
फाइजर में ग्लोबल मीडिया रिलेशंस की सीनियर एसोसिएट कीना गजविनी (Keanna Ghazvini) ने एक ई-मेल में Reuters को बताया, "हम पुष्टि कर सकते हैं कि ये एक झूठा दावा है."
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सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पुलिस के साथ कुछ लोग कक्षा में घुसते दिख रहे हैं. इसे शेयर कर दावा किया गया कि ये वीडियो दिल्ली के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल का है.दावे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को निशाना बनाते हुए उन पर सरकारी स्कूलों को मदरसों में बदलने का आरोप लगाया गया है.
वीडियो यूपी (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद का है, दिल्ली का नहीं. वीडियो में पुलिस के साथ कुछ लोग 19 नवंबर को गाजियाबाद के विजय नगर के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में घुसते देखे जा सकते हैं, जहां पहले से ही कुछ लोग मौजूद थे. 19 नवंबर को स्कूल में छुट्टी थी.
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