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CBSE एग्जाम कैंसिल होने के बाद छात्रों के पास 2 रास्ते,कौन सा सही?

ग्रुप ऑफ पेरेंट्स ने जुलाई में CBSE के एग्जाम कराने के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी

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10वीं और 12वीं के स्टूडेंट जी जान से 1 जुलाई से होने वाले बचे हुए एग्जाम्स की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया है कि CBSE कोरोना संकट के चलते जुलाई में भी कोई एग्जाम नहीं कराने जा रही है. CBSE ने 10वीं क्लास के एग्जाम पूरी तरह से कैंसिल कर दिए गए हैं वहीं 12 क्लास के स्टूडेंट को ऑप्शन दिया गया है कि वो चाहें तो एग्जाम दें या फिर नहीं भी दे सकते हैं.

ये खबर राहत की तो है कि अभी एग्जाम नहीं होने वाले लेकिन इसके साथ टेंशन भी जुड़ी है. जैसे इस फैसले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं कि पास या फेल करने का प्रोसेस क्या होगा? बेहतर रास्ता क्या होगा? रिजल्ट कब आएगा? अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए बेहतर ऑप्शन क्या होंगे वैगरह-वगैरह.

ग्रुप ऑफ पेरेंट्स ने जुलाई में CBSE के एग्जाम कराने के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच में एग्जाम कराना सही नहीं होगा और दावा किया गया था कि ये संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है. CBSE के जिन 25 दूसरे देशों में स्कूल हैं वहां पर एग्जाम कैंसल कर दिए गए हैं.

कई सारी यूनिवर्सिटीज ने भी अपने एग्जाम्स कैंसिल किए हैं. इसलिए मांग की गई कि इसी तरह भारत में भी एग्जाम्स कैंसल कर देना चाहिए. याचिका में ये भी कहा गया कि ये अभी तय नहीं है कि जुलाई में कोरोना वायरस संकट की स्थिति बेहतर होगी या नहीं. साथ ही बार-बार एग्जाम में देरी होने से रिजल्ट देरी से आएगा. इसकी वजह से उनको इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन लेने में देरी होगी.

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