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इस अक्षय तृतीया सोना दे सकता है आपके पोर्टफोलियो को चमक 

भारत में एमसीएक्स पर गोल्ड का जून वायदा 31,400 रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब चल रहा है

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सोना भारतीय निवेशकों और परिवारों के लिए निवेश का एक सदाबहार विकल्प रहा है. हालांकि, पिछले पांच साल में सोने में निवेश से रिटर्न बेहद मामूली (सालाना करीब 2%) रहे हैं, फिर भी देश में इसकी मांग में ज्यादा बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली है. लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में गोल्ड इन्वेस्टमेंट अच्छे रिटर्न दिला सकता है, क्योंकि गोल्ड की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है.

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अप्रैल 2019 में जारी वर्ल्ड बैंक कमोडिटी आउटलुक में भी कहा गया है कि इस साल मांग में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दरें ना बढ़ने का असर सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा. दरअसल, कैलेंडर ईयर 2019 की पहली तिमाही में पूरी दुनिया में सोने की मांग 7 फीसदी बढ़ी है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस बढ़ोतरी की वजह सेंट्रल बैंकों और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स की खरीद है, साथ ही गहनों और निवेश के लिए भी गोल्ड की डिमांड में बढ़ोतरी देखी गई है.

अलग-अलग देशों के सेंट्रल बैंकों ने जनवरी-मार्च 2019 के दौरान 145.5 टन गोल्ड की खरीद की है, जो 2013 के बाद इस अवधि में सबसे बड़ी खरीद है. भारतीय रिजर्व बैंक भी उन सेंट्रल बैंकों में शामिल है, जो लगातार अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं.

एक अनुमान के मुताबिक, आरबीआई 2019 में करीब 47 टन गोल्ड खरीद सकता है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल रिजर्व बैंक ने करीब 42 टन सोना खरीदा था और इस साल जनवरी और फरवरी में ताजा खरीद के बाद रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व करीब 609 टन हो चुका है.

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जानकारों का मानना है कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ रही अनिश्चितता और अलग-अलग देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसे हालात ने सारे सेंट्रल बैंकों का रुख सोने में निवेश की तरफ बढ़ा दिया है, जिसे हमेशा से सुरक्षित माना जाता रहा है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक पिछले साल दुनिया भर की सरकारों ने 651.5 टन सोना खरीदा था, जो काउंसिल के पास मौजूद रिकॉर्ड्स के अनुसार दूसरी सबसे बड़ी सालाना खरीद थी. भारत में तो साल 2019 की पहली तिमाही में गोल्ड ज्वेलरी की मांग में भी बढ़ोतरी देखी गई है. यहां साल के शुरुआती 3 महीनों के दौरान 125.4 टन सोना केवल ज्वेलरी के लिए खरीदा गया, जो इस अवधि के लिए 4 साल का रिकॉर्ड है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक निवेश के लिए भी गोल्ड की मांग में पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले इस बार थोड़ा इजाफा हुआ है और यही ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा.

जानकारों का कहना है कि जिन निवेशकों के पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है, उन्हें हर गिरावट पर इसमें थोड़ा-थोड़ा निवेश करना चाहिए, क्योंकि इस साल की दूसरी छमाही या आखिरी तिमाही में गोल्ड के रेट बढ़ने की उम्मीद है.

ग्लोबल ग्रोथ में धीमापन जारी रहने की आशंका बनी हुई है और इसका असर भी सोने के भाव पर दिखेगा. विदेशी बाजारों में इस वक्त गोल्ड के रेट 1270 डॉलर प्रति औंस के करीब हैं. वर्ल्ड बैंक ने इस साल के अंत तक इसके 1300 को पार कर जाने की उम्मीद जताई है. वहीं भारत में एमसीएक्स पर गोल्ड का जून वायदा 31,400 रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब चल रहा है, जिसके इस साल के अंत तक 34,000 रुपए हो जाने की संभावना है. ऐसे में अगर आप इस अक्षय तृतीया सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो हो सकता है कि ये आपके लिए चमकीला निवेश साबित हो.

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