अक्षय तृतीया इस बार 18 अप्रैल को है और इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन खरीदा गया सोना घर में सुख-समृद्धि लाता है. यही वजह है कि देश में हर साल अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की बिक्री में जोरदार उछाल देखा जाता है.
ज्वेलर्स भी इन दिनों कई आकर्षक ऑफर लेकर आते हैं जिससे कि गोल्ड खरीदारों को लुभाया जा सके.
लेकिन इसी के साथ ये भी सच है कि पिछले कुछ सालों में गोल्ड में किए गए निवेश ने लोगों को औसत या उससे कम रिटर्न दिया है. इसलिए ये सवाल मन में उठना स्वाभाविक है कि क्या अक्षय तृतीया में इस बार भी सोने की खरीदारी की जानी चाहिए. इसका फैसला करने के पहले कुछ आंकड़ों पर नजर डालते हैं. पिछले साल भर में गोल्ड पर रिटर्न मिला है 6.4% लेकिन इस रिटर्न की वजह है पिछले 6 महीने में वैश्विक परिस्थितियों में आए बदलावों से पैदा हुई तेजी.
5 साल में साढ़े सत्रह फीसदी रिटर्न का मतलब है हर साल औसतन साढ़े तीन फीसदी का फायदा. साफ है कि पिछले 5 साल गोल्ड इन्वेस्टर्स के लिए अच्छे नहीं रहे हैं. वैसे इस साल जानकारों के मुताबिक सोने में तेजी दिख सकती है और इसकी वजह दुनिया के बदलते राजनीतिक हालात हैं.
कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और सीरिया में तनाव बढ़ने जैसी वजहों ने एक बार फिर सोने की तरफ निवेशकों का ध्यान खींचा है. दरअसल, वैश्विक तनाव बढ़ने पर लोग अपना पैसा शेयर बाजार, बॉन्ड और दूसरी जगह से निकाल कर सोने में डालने लगते हैं. और, जब सोने की मांग बढ़ती है तो इसका भाव भी बढ़ना शुरू हो जाता है. इसलिए इस साल सोने की कीमतें तेज बनी रहने की संभावना है.
हालांकि राजनीतिक हालात सामान्य होने की स्थिति में सोने में गिरावट भी आ सकती है, इसलिए समझदारी इसी में होगी कि सोने में निवेश एक सीमा से ज्यादा ना करें. अक्षय तृतीया पर सोना अगर शगुन के लिए खरीद रहे हैं या फिर अपने इस्तेमाल के लिए, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर इसमें निवेश का इरादा है तो फिर अपने पोर्टफोलियो के 5-10 प्रतिशत से ज्यादा रकम इसमें ना लगाएं. साथ ही फिजिकल गोल्ड की बजाय पेपर गोल्ड में निवेश बेहतर होगा. आप गोल्ड फंड या गोल्ड ईटीएफ चुन सकते हैं. इनमें लगाए गए पैसे पर पिछले साल भर में रिटर्न कमोबेश उसी स्तर पर मिले हैं, जैसे फिजिकल गोल्ड में. (देखें ग्राफिक्स)
यानी पिछले साल भर में रिटर्न 6 फीसदी तक है. अगर तीन सालों के रिटर्न पर नजर डालें तो टॉप 5 गोल्ड फंड इस प्रकार हैं.
गोल्ड फंड या ईटीएफ में निवेश से फायदा ये है कि आपको फिजिकल गोल्ड की तरह ना तो मेकिंग चार्ज देना पड़ता है, और ना ही आपको सोने की शुद्धता को लेकर कोई आशंका रहती है. फिजिकल गोल्ड बेचने पर आपको मेकिंग चार्ज का नुकसान झेलना पड़ता है जो आपके वास्तविक रिटर्न को और कम कर देता है. इसलिए गोल्ड फंड या ईटीएफ सोने के निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का भी विकल्प है
गोल्ड में निवेश की इच्छा रखने वालों के लिए इस अक्षय तृतीया सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. इसे समय-समय पर केंद्र सरकार जारी करती है. इसमें सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज अतिरिक्त मिलता है. और अक्षय तृतीया को ध्यान में रखते हुए इस वित्त वर्ष में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली खेप 16 अप्रैल से लॉन्च हो चुकी है. इसमें 20 अप्रैल तक निवेश के लिए बोली लगाई जा सकती है और ये बॉन्ड 4 मई को जारी होंगे. इश्यू प्राइस है 3114 रुपए प्रति ग्राम, हालांकि डिजिटल पेमेंट करने पर 50 रुपए प्रति ग्राम का डिस्काउंट भी मिलेगा.
बस ये याद रखें कि इन बॉन्ड की अवधि है 8 साल, और अगर निवेशक चाहे तो उसे 5 साल बाद इससे बाहर निकलने का विकल्प मिलेगा. इससे पहले बॉन्ड बेचने हों तो उसके लिए स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का सहारा लिया जा सकता है.
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