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बजट की वो बड़ी बातें जो एक टैक्सपेयर के लिए जानना जरूरी है 

निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया. इनकम टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सैलरी क्लास के लिए ये राहत की बात है. हालांकि, इसके बावजूद कुछ ऐसे कदम हैं, जिनके जरिए लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स की बचत कर सकते हैं.

हम यहां 10 ऐसी महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं, जो एक टैक्सपेयर के लिए जाननी जरूरी हैं.

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  • प्रॉविडेंट फंड (EPF) में आपका निवेश 2.5 लाख से ज्यादा तो नहीं? अगर ऐसा है, तो आपकी जेब ढीली होनेवाली है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अब सालाना 2.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा. यानी अगर आपने साल भर में इससे अधिक निवेश किया है तो इसका ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. यह नियम 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ अंशदानों पर लागू होगा.
  • 1 फरवरी 2021 या उसके बाद जारी हुए ULIPs पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा, अगर प्रीमियम का अमाउंट किसी भी साल में 2.5 लाख से ज्यादा है. इसमें एक अपवाद मौत के बाद होने वाले भुगतान का है. अगर कोई टैक्सपेयर एक ULIP से ज्यादा का प्रीमियम चुकाता है तो छूट दी जाएगी.
  • एडवांस टैक्स पेमेंट करते समय टैक्सपेयर को अब अपनी डिविडेंड इनकम का अनुमान नहीं लगाना होगा. एडवांस टैक्स अब तभी देना होगा जब डिविडेंड घोषित किया जाएगा या कंपनी भुगतान करेगी. इससे एडवांस टैक्स का भुगतान करते समय कम अनुमान लगाने की वजह से ब्याज नहीं देना होगा.
  • सैलरी इनकम, बैंक अकाउंट्स, टैक्स पेमेंट और TDS डिटेल्स के अलावा प्री-फिल्ड इनकम टैक्स रिटर्न में अब लिस्टेड सिक्योरिटीज, डिविडेंड इनकम, बैंक ब्याज, पोस्ट ऑफिस जैसी जगहों से कैपिटल गेन्स की भी जानकारी होगी.
  • 45 लाख रुपये तक का अफॉर्डेबल हाउस खरीदने के लिए लोन पर 1.5 लाख रुपये की छूट का फायदा 31 मार्च 2022 तक जारी रहेगा.
  • 75 साल या उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को बजट में राहत दी गई है. जिन वरिष्ठ नागरिकों की कमाई सिर्फ पेंशन और बैंक ब्याज से है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है. टैक्सपेयर जो डिक्लेरेशन दाखिल करेगा, उसके आधार पर बैंक को टैक्सेबल इनकम कैलकुलेट करके टैक्स काटना होगा.
  • केंद्र सरकार ओवरसीज रिटायरमेंट फंड्स से होने वाली इनकम पर टैक्सबिलिटी ईयर और तरीका तय करने के लिए नियमों का ऐलान करेगी. ये वो फंड्स हैं जो किसी रेजिडेंट टैक्सपेयर ने विदेश में रहते हुए खोले थे.
  • अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख टैक्स ईयर खत्म होने के बाद 31 दिसंबर कर दी गई है. इसी तरह असेसमेंट पूरा करने की टाइमलाइन भी 3 महीने घटा दी गई है.
  • 50 लाख तक की टैक्सेबल इनकम और 10 लाख तक की विवादित इनकम वाले टैक्सपेयर की मदद के लिए डिस्प्यूट रिसोल्यूशन कमेटी (DRC) बनाई जाएगी.
  • नेशनल फेसलेस इनकम टैक्स एपेलेट ट्रिब्यूनल सेंटर को बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. इसमें सेकंड-लेवल अपील केस सुने जाएंगे.

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