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चंदा कोचर छुट्टी पर गईं, संदीप बख्शी बने ICICI बैंक के सीओओ

वीडियोकॉन मामले में चंदा की भूमिका की जांच होगी 

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आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर स्वतंत्र जांच पूरी होने तक छुट्टी पर रहेंगी. इस बीच बैंक ने संदीप बख्शी को पांच साल के लिए चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) बनाया है. स्टॉक एक्सचेंजों को बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वह बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे.कोचर फिलहाल एमडी और सीईओ बनी रहेंगी.

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वीडियोकॉन को कर्ज देने के मामले में चंदा की भूमिका की जांच

बख्शी भी चंदा कोचर की तरह आईसीआईसीआई बैंक से काफी लंबे समय से जुड़े रहे हैं. उन्होंने 1996 में बैंक ज्वाइन किया. उनका पिछला कामकाज बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर था और वह रिटेल ऑपरेशन्स के हेड थे. अगस्त 2010 में बख्शी को आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के हेड पर तौर पर नियुक्त किया गया था.

बख्शी को सीओओ बनाने का फैसला वीडियोकॉन मामले में चंदा कोचर की भूमिका की जांच के लिए जस्टिस बीएन कृष्णा की अगुवाई में बनी कमेटी के बाद आया है. कोचर की भूमिका की जांच एक व्हिस्लब्लोअर की शिकायत के बाद की जा रही है.

बैंक बोर्ड ने पिछले दिनों चंदा कोचर की उस भूमिका की जांच का फैसला किया था, जो वीडियोकॉन को लोन देने से जुड़ा था. वीडियोकॉन और नूपावर के विवादास्पद डील के बारे में सबसे पहले सवाल उठाने वाले शेयरहोल्डर एक्टिविस्ट अरविंद गुप्ता ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर पर नए आरोप लगाए थे. नूपावर दीपक कोचर की कंपनी है.

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नू पावर में राउंड ट्रिपंग के जरिये निवेश का आरोप

अरविंद गुप्ता ने 11 मई को पीएमओ, कुछ रेगुलेटर्स और मंत्रालयों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि नूपावर में एस्सार ग्रुप ने राउंड ट्रिपिंग के जरिये 453 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह निवेश मेटिक्स ग्रुप और इसकी होल्डिंग कंपनी फर्स्टलैंड होल्डिंग के जरिये किया गया है. दोनों कंपनियां मॉरीशस में हैं. ये कंपनियां निशांत कनो़ड़िया की हैं. कनोड़िया एस्सार ग्रुप के वाइस चेयमैन रवि रूइया के दामाद हैं.

इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक एस्सार ग्रुप को कर्ज देने वाला सबसे बैंक रहा है. इसने मिनेसोटा और इसके यूके स्थित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए भी फंड दिया. आईसीआईआई बैंक नुपावर और वीडियोकोन और कुछ दूसरे सौदों में जांच के दायरे में हैं. इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक एस्सार ग्रुप को कर्ज देने वाला सबसे बैंक रहा है. इसने मिनेसोटा और इसके यूके स्थित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए भी फंड दिया. आईसीआईआई बैंक नुपावर और वीडियोकोन और कुछ दूसरे सौदों में जांच के दायरे में हैं.

ये भी देखें - चंदा कोचर का क्या होगा? लोन देकर लाभ लेने के विवाद से निकल पाएंगी?

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