सोमवार को पेश आर्थिक सर्वे में जलवायु परिवर्तन की वजह से देश के किसानों की आय घटने की आशंका जताई गई है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की ओर से तापमान को लेकर लगाए गए अनुमानों के आधार पर भारत में खेती से होने वाली आय में औसतन 15 से 18 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. हालांकि यह गिरावट असिंचित भूमि वाले इलाके में 20 से 25 फीसदी रह सकती है.
सर्वेक्षण में यह भी जिक्र है कि सिंचाई की सुविधाओं में विस्तार और ऊर्जा व उर्वरक में सब्सिडी के बदले सीधे आय मुहैया करा कर जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सकता है. सर्वेक्षण के मुताबिक, खेती के वर्तमान आय स्तर पर किसानों की औसत आय 3,600 रुपये प्रति व्यक्ति घट सकती है.
कृषि का देश के जीडीपी में 16 फीसदी हिस्सेदारी है. साथ ही, इस क्षेत्र में 49 फीसदी लोगों को रोजगार मिल रहा है. सर्वेक्षण के मुताबिक, खेती की उपज घटने से महंगाई बढ़ सकती है और किसानों को तबाही का सामना करना पड़ सकता है. देश में 14.10 करोड़ हेक्टेयर में से 7.32 करोड़ हेक्टेयर यानी 52 फीसदी कृषि भूमि असिंचित है.
भारत में पिछले साल कृषि विकास कमजोर रहा है. सरकार के आंकड़ो के मुताबिक 2017-18 कृषि विकास दर 2.8 फीसदी रह सकती है. पीएम मोदी ने देश के किसानों की आय दोगुना करने के उपायों का ऐलान किया है. लेकिन पिछले साल देश भर में किसानों को उनकी फसल की वाजिब कीमत न मिलने से आंदोलन हुए थे. पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी की वजह से किसानों की आय में गिरावट देखने को मिली है.
देश में 1970 से 2010 के बीच तापमान में बढ़ोतरी हुई है. खरीफ सीजन में तापमान 0.45 डिग्री सेल्सियस और रबी सीजन में 0.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बारिश के वार्षिक औसत में भी गिरावट आई है. औसत बारिश में 86 मिमी. की कमी आई है.
इनपुट : ब्लूमबर्ग क्विंट
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