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Delhi: स्टूडेंट्स को 2 साल की छुट्टी-ब्याज फ्री लोन, Startup में सरकार करेगी मदद

दिल्ली सरकार अपना स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे युवाओं को फाइनेंशियल, लीगल और प्रोफेशनल मदद मुहैया करवाएगी

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दिल्ली सरकार ने गुरुवार, 5 मई को 'दिल्ली स्टार्ट-अप नीति' (Delhi Start-up Policy) पारित की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान किया है. इसके जरिए दिल्ली सरकार अपना स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे युवाओं को फाइनेंशियल, लीगल और प्रोफेशनल मदद मुहैया करवाएगी. केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली के युवा दिल्ली में कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो उनको दिल्ली सरकार पूरी तरह से मदद करेगी.

दिल्ली सरकार के इस ऐलान के बाद से युवाओं के मन में कई सवाल हैं. दिल्ली स्टार्ट-अप पॉलिसी क्या है? युवाओं को क्या फायदा होगा? आंत्रप्रेन्योर कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं? दिल्ली सरकार क्या-क्या मदद करेगी? चलिए एक-एक करके जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.

Delhi: स्टूडेंट्स को 2 साल की छुट्टी-ब्याज फ्री लोन, Startup में सरकार करेगी मदद

  1. 1. 'दिल्ली स्टार्ट-अप पॉलिसी' क्या है?

    दिल्ली में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने 'दिल्ली स्टार्ट-अप पॉलिसी' (Delhi Start-up Policy) बनाई है. दिल्ली कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल गई है. इस पॉलिसी के जरिए दिल्ली सरकार युवा उद्यमियों को बिजनेस शुरू करने में मदद करेगी. सरकार जमीन से लेकर फाइनेंसियल हेल्प मुहैया करवाएगी. इसके तहत कई अन्य तरह की सुविधाएं भी दी जाएगी.

    सीएम केजरीवाल ने कहा कि दुनियाभर की स्टार्टअप पॉलिसी के अच्छे प्वाइंट्स को इकट्ठा करके यह पॉलिसी तैयार की गई है.
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  2. 2. युवाओं को क्या फायदा होगा?

    दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी से युवाओं को अपना बिजनेस स्टार्ट करने में आसानी होगी. युवा उद्यमियों को अब दर-दर की ठोकरें खाने की जरूरत नहीं है. वह सीधे इस पॉलिसी की मदद से अपना बिजनेस शुरू कर पाएंगे. केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश के युवा इतने मेहनती और होशियार हैं लेकिन इसके बाद भी वे बेरोजगार हैं. अब युवाओं को कॉलेज के बाद नौकरी ढूंढने की बजाय अपना बिजनेस करने के लिए तैयार किया जाएगा.

    मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र कॉलेज में पढ़ाई के दौरान स्टार्टअप शुरू करना चाहता है और उसने कोई प्रोडक्ट तैयार किया तो उसे दो साल तक की छुट्टी भी दी जाएगी. इससे वह छात्र अपना पूरा समय अपने प्रोडक्ट पर लगा सकेगा.
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  3. 3. आंत्रप्रेन्योर कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं?

    दिल्ली सरकार स्टार्टअप के लिए अलग से टास्क फोर्स बनाने जा रही है. इस टास्क फोर्स में एक सरकारी अफसर होगा, 10 फीसदी एकेडमिक्स के लोग होंगे बाकी 85 फीसद प्राइवेट इंडस्ट्री के लोग होंगे. कोई भी युवा उद्यमी दिल्ली सरकार के स्टार्ट-अप पॉलिसी में रजिस्टर करना चाहता है तो वह इस टास्क फोर्स में अप्लाई कर सकता है. उसका एप्लीकेशन सीधे टास्कफोर्स के पास जाएगा. ये टीम उसकी जांच करेगी.

    केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है इस स्टार्टअप पॉलिसी के बाद दिल्ली में स्टार्टअप का बूम आएगा.
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  4. 4. दिल्ली सरकार क्या-क्या मदद करेगी?

    स्टार्ट-अप पॉलिसी के जरिए दिल्ली सरकार युवा उद्यमियों की कई तरह से मदद करेगी.

    • बिना गारंटी के कॉलेटरल फ्री लोन दिलाने में दिल्ली सरकार मदद करेगी.

    • एक साल के लिए इंटरेस्ट फ्री लोन होंगे.

    • स्टार्टअप के लिए किराए पर ली गई जमीन का आधा किराया सरकार देगी.

    • कर्मचारियों की सैलरी का कुछ हिस्सा दिल्ली सरकार दे सकती है.

    • पेटेंट, ट्रेडमार्क या कॉपीराइट की फीस दिल्ली सरकार वापस कर सकती है.

    • बिजनेस के लिए दिल्ली सरकार कॉलेज स्टूडेंट को 2 साल की छुट्टी भी देने को तैयार है.

    केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अंदर हमने बिजनेस का माहौल बनाने के लिए बहुत कदम उठाए हैं. इस बार तो पूरा बजट ही एक तरह से बिजनेस का माहौल पैदा करने के लिए है. दिल्ली बाजार बनाया जा रहा है. दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन होगा.

    (क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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'दिल्ली स्टार्ट-अप पॉलिसी' क्या है?

दिल्ली में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने 'दिल्ली स्टार्ट-अप पॉलिसी' (Delhi Start-up Policy) बनाई है. दिल्ली कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल गई है. इस पॉलिसी के जरिए दिल्ली सरकार युवा उद्यमियों को बिजनेस शुरू करने में मदद करेगी. सरकार जमीन से लेकर फाइनेंसियल हेल्प मुहैया करवाएगी. इसके तहत कई अन्य तरह की सुविधाएं भी दी जाएगी.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि दुनियाभर की स्टार्टअप पॉलिसी के अच्छे प्वाइंट्स को इकट्ठा करके यह पॉलिसी तैयार की गई है.
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युवाओं को क्या फायदा होगा?

दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी से युवाओं को अपना बिजनेस स्टार्ट करने में आसानी होगी. युवा उद्यमियों को अब दर-दर की ठोकरें खाने की जरूरत नहीं है. वह सीधे इस पॉलिसी की मदद से अपना बिजनेस शुरू कर पाएंगे. केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश के युवा इतने मेहनती और होशियार हैं लेकिन इसके बाद भी वे बेरोजगार हैं. अब युवाओं को कॉलेज के बाद नौकरी ढूंढने की बजाय अपना बिजनेस करने के लिए तैयार किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई छात्र कॉलेज में पढ़ाई के दौरान स्टार्टअप शुरू करना चाहता है और उसने कोई प्रोडक्ट तैयार किया तो उसे दो साल तक की छुट्टी भी दी जाएगी. इससे वह छात्र अपना पूरा समय अपने प्रोडक्ट पर लगा सकेगा.

आंत्रप्रेन्योर कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं?

दिल्ली सरकार स्टार्टअप के लिए अलग से टास्क फोर्स बनाने जा रही है. इस टास्क फोर्स में एक सरकारी अफसर होगा, 10 फीसदी एकेडमिक्स के लोग होंगे बाकी 85 फीसद प्राइवेट इंडस्ट्री के लोग होंगे. कोई भी युवा उद्यमी दिल्ली सरकार के स्टार्ट-अप पॉलिसी में रजिस्टर करना चाहता है तो वह इस टास्क फोर्स में अप्लाई कर सकता है. उसका एप्लीकेशन सीधे टास्कफोर्स के पास जाएगा. ये टीम उसकी जांच करेगी.

केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगता है इस स्टार्टअप पॉलिसी के बाद दिल्ली में स्टार्टअप का बूम आएगा.
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दिल्ली सरकार क्या-क्या मदद करेगी?

स्टार्ट-अप पॉलिसी के जरिए दिल्ली सरकार युवा उद्यमियों की कई तरह से मदद करेगी.

  • बिना गारंटी के कॉलेटरल फ्री लोन दिलाने में दिल्ली सरकार मदद करेगी.

  • एक साल के लिए इंटरेस्ट फ्री लोन होंगे.

  • स्टार्टअप के लिए किराए पर ली गई जमीन का आधा किराया सरकार देगी.

  • कर्मचारियों की सैलरी का कुछ हिस्सा दिल्ली सरकार दे सकती है.

  • पेटेंट, ट्रेडमार्क या कॉपीराइट की फीस दिल्ली सरकार वापस कर सकती है.

  • बिजनेस के लिए दिल्ली सरकार कॉलेज स्टूडेंट को 2 साल की छुट्टी भी देने को तैयार है.

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के अंदर हमने बिजनेस का माहौल बनाने के लिए बहुत कदम उठाए हैं. इस बार तो पूरा बजट ही एक तरह से बिजनेस का माहौल पैदा करने के लिए है. दिल्ली बाजार बनाया जा रहा है. दिल्ली शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन होगा.

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