भारत में फेल हुई कई एयरलाइन की लिस्ट में एक और नाम जुड़ने की संभावना अधिक हो गई है. ये नाम है गो एयर (Go Air) कंपनी के सीईओ कौशिक खोना ने नवंबर में इस्तीफा दे दिया, कंपनी पिछले 6 महीने से अपने स्टाफ को पैसा नहीं दे पाई और गो फर्स्ट (Go first) पायलट लगातार दूसरी नौकरी खोज रहे हैं.
हाल में गो एयर ने एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी दी कि उसने 4 फरवरी तक सभी निर्धारित उड़ानों को रद्द कर दिया है. दरअसल, इस साल के मई से गो एयर की उड़ानें ग्राउडेंड हैं यानी उनका संचालन बंद है.
ब्लूमबर्ग की एक खबर के अनुसार, जिंदल पावर लिमिटेड जो दिवालिया समाधान प्रक्रिया के तहत गो का एकमात्र संभावित खरीदार है. इसने भी बोली लगाने से इनकार कर दिया है. वहीं गो एयर को अपना 6,500 करोड़ रुपये का कर्ज लौटाना है, साथ ही गो एयर की कुल देनदारी 11,500 करोड़ रुपये है.
फिलहाल, यही आशंका जताई जा रही है कि गो एयर के वापस उड़ान भरने की संभावना कम से कम ही है.
बता दें कि एयरलाइन कंपनी गो की स्थापना 2005 में अरबपति नुस्ली वाडिया के वाडिया ग्रुप ने की थी, जो ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड और बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भी चलाता है. वाडिया पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के पोते हैं.
ब्लूमबर्ग ने नई दिल्ली स्थित स्टारएयर कंसल्टिंग के अध्यक्ष हर्ष वर्धन के हवाले से बताया कि एयरलाइन बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए गो ने भारी कर्ज लिए ताकी लीज पर लिए एयरक्राफ्ट का पैसा चुका सके, एयरपोर्ट फीस दे सके और स्टाफ को पैसे दे सके. ये तब हुआ महामारी का दौर चल रहा था.
दुनियाभर की एविएशन इंडस्ट्री को महामारी की वजह से काफी झटका लगा था. कम से कम 68 एयरलाइंस दिवालियापन संरक्षण में शामिल थीं.
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