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ट्रेड वॉर की वजह से सोना शिखर पर, 38 हजार रुपये के पार पहुंचा

जब निवेश के दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स अच्छा रिटर्न न दे रहे हों तो गोल्ड में निवेश सुरक्षित माना जाता है

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घरेलू बाजार में सोने की कीमत सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है. इकनॉमी में स्लोडाउन और चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की वजह से सोने में निवेशकों का रुझान बढ़ा है. गुरुवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में इसका भाव पहली बार प्रति 10 ग्राम 38,000 रुपये के आंकड़े को पार कर गया. सोने का भाव 550 रुपये के उछाल के साथ प्रति 10 ग्राम 38,470 रुपये दर्ज किया गया.

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इकनॉमी में स्लोडाउन ने बढ़ाई सोने की कीमत

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की वजह से निवेशक सोने में निवेश की तरफ आकर्षित हुए हैं, जिसकी वजह से बुधवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का भाव प्रति औंस 1,500 डॉलर को पार कर गया. इसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा. भारत में इकनॉमी में स्लोडाउन की वजह से भी निवेशकों का सोने में रुझान बढ़ा है. सोने की कीमत इस साल करीब 16 फीसदी बढ़ी है और एक सप्ताह में ही करीब 100 डॉलर की तेजी आ गई है. विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमत मीडियम टर्म में ऊंची ही रहने वाली है.

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औद्योगिक इकाइयों और सिक्का मैन्यूफैक्चरर्स की खरीदारी की वजह से चांदी खरीदारी बढ़ाने के कारण चांदी भी प्रति किलोग्राम 44,000 रुपये के आंकड़े को पार कर गया. चांदी का भाव 630 रुपये उछलकर प्रति किलोग्राम 44,300 रुपये रहा . अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यूयॉर्क में सोने का भाव मामूली नरमी के साथ 1,497.20 डॉलर प्रति औंस था, जबकि चांदी का भाव 17.16 डॉलर प्रति औंस था.च अखिल भारतीय सर्राफा संगठन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 फीसदी तथा 99.5 फीसदी शुद्ध सोने की कीमत 550 रुपये उछलकर प्रति 10 ग्राम 38,470 रुपये तथा 38,300 रुपये रही.

दरअसल स्लोडाउन से हेजिंग के लिए सोने को एक बढ़िया निवेश समझा जाता है. जब निवेश के दूसरे माध्यम अच्छा रिटर्न न दे रहे हों तो लोग गोल्ड में निवेश को प्राथमिकता देते हैं.

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