प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की मुलाकात रंग ला रही है. खबर है कि सरकार और आरबीआई के बीच सुलह की कोशिश शुरू हो गई है. दोनों विवाद खत्म करने की कोशिश हैं. कहा जा रहा है कि विवाद सुलझाने के लिए फॉर्मूला तय हो चुका है.
आरबीआई पीसीए मानकों में कुछ छूट दे सकता है
एमएसएमई सेक्टर के लिए कर्ज को बढ़ावा मिलेगा
19 नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक के बाद फॉर्मूला पर काम होगा
लिक्विडिटी संकट से जूझ रहे एनबीएफसी सेक्टर के लिए कर्ज सहूलियत बढ़ेगी
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छोटे और लघु उद्योग सेक्टर के लिए कर्ज बढ़ाया जाएगा
जिन फॉर्मूलों पर बात चल रही है उनमें पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन-PCA) में ढील देने और 19 नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक से पहले एमएसएमई (MSME) सेक्टर को कर्ज देने के मानकों को आसान बनाने का मुद्दा शामिल है. अगर 19 तारीख की बोर्ड मीटिंग में इन मुद्दों पर सहमति नहीं बनी तो अगले कुछ सप्ताह के दौरान पीसीए फ्रेमवर्क को छूट देने पर सहमति कायम हो जाएगी. वित्त मंत्रालय लगातार इसकी मांग करता रहा है.
कुछ बैंक नया पीसीए फ्रेमवर्क अपना सकते हैं
अगर छूट दी गई तो इस वित्त वर्ष के आखिर तक कुछ बैंक नए पीसीए फ्रेमवर्क के साथ सामने आ सकते हैं. 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 पीसीए फ्रेमवर्क के दायरे में है. पीसीए फ्रेमवर्क तब लागू होता है जब बैंक एनपीए, कैपिटल टु रिस्क वेटेड एसेट रेश्यो और रिटर्न ऑन एसेट्स (ROA) जैसे रेगुलेटरी मुद्दों का उल्लंघन शुरू कर देते हैं.
सरकार और आरबीआई के बीच विवाद सुलझाने के फॉर्मूले के तहत केंद्रीय बैंक एमएसएमई सेक्टर के लिए लोन देने के नियमों में छूट दे सकता है. इसके साथ ही एमएसएमई सेक्टर के लिए खास ऋण सुविधा पर भी सहमति बन सकती है. एनबीएफसी सेक्टर के लिए भी क्रेडिट फ्लो पर सहमति बन सकती है, जो लिक्विडिटी संकट से जूझ रहा है.
सरकार एमएसएमई सेक्टर को ज्यादा कर्ज पर जोर देगी
सरकार का मानना है कि एमएसएमई सेक्टर 12 करो़ड़ लोगों को रोजगार देता है. इसलिए इसके लिए क्रेडिट फ्लो बहुत जरूरी है. नोटबंदी और जीएसटी से इस सेक्टर को नुकसान पहुंचा है. विपक्ष का आरोप है कि नोटबंदी और जीएसटी ने एमएसएमई सेक्टर की कमर तोड़ दी है. इससे बड़ी संख्या में लोगों की रोजी-रोटी छिनी है.
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