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जेट के स्लॉट पर सवाल,सरकार के नियमों से इंडिगो और टाटा खफा

इंडिगो और टाटा ने कहा कि सिर्फ नए प्लेन वाली एयरलाइंस को ही जेट के खाली स्लॉट देना गलत

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इंडिगो और टाटा ग्रुप ने जेट एयरवेज के खाली स्लॉट आंवटन करने की सरकार की नीति का विरोध किया है. दोनों यह दलील दे रहे हैं कि जेट एयरवेज के खाली स्लॉट वैसी एयरलाइंस को देना गलत है, जो सिर्फ नए प्लेन ला रही हैं. इस तरह के फैसले से उनके कारोबार को चोट पहुंचेगी और यह समान मौके के सिद्धांत के भी खिलाफ है. इंडिगो देश की सबसे बड़ी प्राइवेट एयरलाइंस है. जबकि एयर एशिया इंडिया और विस्तारा का संचालन टाटा समूह करता है.

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‘नए प्लेन वाली एयरलाइंस को स्लॉट देने का नियम गलत’

इंडिगो को सीओओ ने सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि नए प्लेन शामिल करने का फैसला एयरलाइंस की ओर से काफी एडवांस में लिए जाते हैं. एयरलाइंस शॉर्ट नोटिस में नए प्लेन तैनात नहीं कर सकते. नए प्लेन तैनात करने वाली कंपनी को ही स्लॉट देने से सिर्फ एक ही कंपनी को जेट के स्लॉट मिल जाएंगे.

मिनिस्ट्री ने दिया था भरोसा,पारदर्शी तरीके से होगा स्लॉट आवंटन

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा था कि जेट के खाली स्लॉट 'अस्थायी तौर' पर दूसरी एयरलाइन कंपनियों को आवंटित किए जा रहे हैं.जेट एयरवेज का ऑपरेशन शुरू होने पर ये स्लॉट वापस कर दिए जाएंगे. मिनिस्ट्री ने जेट को निर्धारित नियमों और मानदंडों के तहत स्लॉट सुरक्षित रखने का भरोसा दिया है. एसबीआई की अगुवाले बैंकों के कंसोर्टियम और जेट एयरवेज के कर्मचारियों की यूनियन ने सरकार से जेट के इंटरनेशनल स्लॉट को सुरक्षित रखने की मांग की थी.

जेट एयरवेज का ऑपरेशन बंद करने होने से हजारों की संख्या में यात्री अधर में लटक गए हैं. इसने मंत्रालय को जेट के खाली पड़े उड़ान स्लॉट दूसरी एयरलाइन कंपनियों को आवंटित करने के लिए मजबूर किया. हालांकि इंडिगो और टाटा समूह को लग रहा है कि स्लॉट आवंटन में पक्षपात किया जा रहा है.

मंत्रालय ने कहा है कि स्लॉट एलॉट करने के लिए कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी सही और पारदर्शी तरीके से स्लॉट बांट रही है.

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