रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक से रुपये निकालने की लिमिट बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है. 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद चौथी बार आरबीआई ने विद्ड्रॉल लिमिट बढ़ाई है. तब से लेकर 4 नवंबर तक ठाणे के एक 74 साल के व्यक्ति समेत नौ खाताधारकों ने अपनी जान गंवा दी है.
RBI ने खाताधारकों को 50,000 रुपये तक एटीएम से रुपये निकालने की अनुमति दे दी है. इससे ग्राहकों को पहले से थोड़ी और राहत मिलेगी.
14 अक्टूबर को RBI ने खाताधारकों को अपने खाते से कुल रकम में से 40,000 रुपये तक निकालने की अनुमति दी थी. अब 50,000 रुपये तक की लिमिट बढ़ाए जाने के बाद बैंक के 78 फीसदी से ज्यादा खाताधारक अपने खाते से पूरा पैसा निकाल सकेंगे.
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की स्थिति की बारीकी से निगरानी रखी जा रही है. खाताधारकों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए आगे भी एक्शन लिए जाते रहेंगे.
क्या है PMC बैंक संकट?
23 सितंबर को अचानक खबर आई कि RBI ने PMC बैंक पर पाबंदियां लगा दी हैं. RBI का कहना था कि PMC बैंक ने रियल एस्टेट कंपनी HDIL को गलत तरीक से कर्ज दिया. PMC बैंक ने नियंमों को ताक पर रखकर कुल लोन कैपिटल 8,880 रुपये का 73 फीसदी यानी 6,500 करोड़ रुपये अकेले HDIL को ही दे दिया था. RBI ने इस मामले के संज्ञान में आने के बाद PMC बैंक पर लोन देने पर रोक लगा दी थी. इसके अलावा RBI ने बैंक मैनेजमेंट पर भी कार्रवाई की.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 नवंबर को एक याचिका पर केंद्र सरकार, आरबीआई और अन्य से जवाब दाखिल करने को कहा था. इस याचिका में कुछ पहलुओं के निवारण के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जिसके तहत पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) के जमाकर्ताओं के पैसों का बीमा करना और जमा किए गए पैसों की सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश तैयार करना शामिल है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)