एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने गुरुवार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 11 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया. इसके साथ ही उसने चेतावनी दी कि कोरोना वायरस महामारी से जुड़े रिस्क आगे भी बने हुए हैं.
एजेंसी ने ग्रोथ के अनुमान को यह कहते हुए घटाया कि अप्रैल-मई में COVID-19 की दूसरी लहर के चलते राज्यों की ओर से लॉकडाउन लगाए जाने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी से कमी हुई.
एसएंडपी ने बताया, ‘‘हमने मार्च में घोषित मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ के लिए 11 फीसदी के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.’’
एजेंसी ने कहा कि निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बैलेंस शीट को हुए नुकसान से अगले कुछ सालों के दौरान वृद्धि बाधित होगी और 31 मार्च, 2023 को खत्म होने वाले अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.8 फीसदी रह सकती है.
एसएंडपी ने कहा कि महामारी को लेकर आगे भी जोखिम बने हुए हैं क्योंकि अभी तक लगभग 15 फीसदी आबादी को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक मिली है, हालांकि अब वैक्सीन की सप्लाई में तेजी आने की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी और इससे पहले 2019-20 में देश ने चार फीसदी की ग्रोथ हासिल की थी.
(PTI के इनपुट्स समेत)
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