दिवालिया हो चुकी एयरलाइंस किंगफिशर के मालिक विजय माल्या ब्रिटेन में इससे जुड़ा एक मुकदमा हार गए हैं. अदालत ने उन्हें सिंगापुर की बीओसी एविएशन को नौ करोड़ डॉलर यानी करीब 580 करोड़ अदा करने को कहा है.
मामला बीओसी एविएशन से लीज पर एयरक्राफ्ट लेने का है. यह सौदा 2014 में हुआ था. लीजिंग एग्रीमेंट के तहत किंगफिशर को चार विमान लीज पर लेने थे. तीन विमान किंगफिशर को मिल चुके थे.
बीओसी एविएशन सिंगापुर और बीओसी एविएशन आयरलैंड ने किंगफिशर एयरलाइंस ने बकाया नहीं चुकाने का आरोप लगाया है. किंगफिशर और बीओसी के बीच जो करार हुआ था उसके मुताबिक किंगफिशर को कंपनी से चार विमान लेने थे. तीन विमान डिलीवर हो गए थे. चौथे विमान की डिलीवरी रोक ली गई थी. बीओसी का कहना था कि किंगफिशर ने पैसे रोक लिए थे. कंपनी का कहना था कि किंगफिशर की ओर से जमा किया गया सिक्यूरिटी डिपोजिट भी पर्याप्त नहीं था.
कीमत न चुकाने का मामला
माल्या के खिलाफ यह फैसला उस वक्त आया है जब कुछ सप्ताह बाद ही उनके खिलाफ प्रत्यर्पण के मामले में आखिरी सुनवाई होनी है. माल्या इस वक्त 6,50,000 के बेल बांड पर जेल से बाहर हैं. जनवरी मे अदालत ने उन्हें अप्रैल तक के लिए बेल दिया था. समझा जाता है कि इस मामले में मई में फैसला आएगा. अगर अदालत ने उनके खिलाफ फैसला दिया तो उन्हें भारत लाया जाएगा. स्कॉर्टलैंड ने माल्या को पिछले साल प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था उसके बाद वह इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होते रहे हैं. पिछले साल दिसंबर में यह मुकदमा शुरू हुआ था. अगर भारत सरकार यह मुकदमा जीतती है तो माल्या को भारत लाया जा सकता है. यहां उन पर फ्रॉड और मनी लांड्रिंग के मामले में केस चलाया जा सकता है. किंगफिशर डिफॉल्टर है और माल्या और उनकी कंपनी पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया है.
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