डियर माल्या साहब,
जब से खबर आई है कि लंदन में आपकी संपत्ति फ्रिज हो गई है और आपको सप्ताह में सिर्फ 5 हजार पाउंड खर्च करने की इजाजत दी गई है, तब से खून खौल रहा है. ब्रिटिश सरकार से ज्यादा गुस्सा अहसानफरामोश इंडियंस पर आ रहा है.
याद आए आपके अहसान
कितना अहसान है इस देश पर आपका. नया साल आ रहा है और मेरे ड्राइंग रूम की दीवारें किंगफिशर की हॉट मॉडलों से सजे कैलेंडर के लिए तरस गई हैं. आप लोगों को कितना गुड फील करवाते थे. ये नामाकूल देश वाले सब भूल गए हैं.
अपने क्रिकेटर भी अब आपको मिस कर रहे हैं. आईपीएल के बाद आप और आपके शहजादे क्या पार्टियां करते थे. उनकी खबरें और तस्वीरें देखकर तबीयत बाग-बाग हो जाया करती थी. हसीनों की दिलकश अदा और खिलाड़ियों की मस्ती देखकर अपना ही नहीं, देशभर में क्रिकेट दीवानों का हैपिनेस इंडेक्स बढ़ जाता था. हैपिनेस इंडेक्स में देश की रैकिंग ऊपर बढ़ाने में योगदान के लिए सरकार को आपका सम्मान करना चाहिए. लेकिन उल्टे वह आपको भगोड़ा साबित करने में लगी है.
आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स का अपना ही जलवा था. क्रिस गेल और विराट भैया के बाउंड्री पार शॉट के साथ-साथ चियरलीडर्स का डांस बोनस में मिलता था. क्या करें, इंडियंस को थोड़ा-सा भी टशन हजम नहीं होता.
माल्या साहब! यह आपकी नहीं देश की बेइज्जती है
सरकार आप पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये हजम कर लंदन भाग जाने का आरोप लगा रही है. लेकिन यह नहीं देख रही है माल्या इस देश को एंटरप्रेन्योरशिप का कितना बड़ा पाठ सिखा गए. इतना तो आईआईएम और देशभर में खुले तमाम मैनजमेंट स्कूल भी नहीं कर पाए. माल्या बता गए कि बगैर अपना पैसा खर्च किए शानदार एयरलाइंस कैसे चलाई जा सकती है.
इस देश के मस्तीखोर आपको याद कर रहे हैं. आपके याच, आपकी पार्टियां, आपका विला, खूबसूरत मॉडलों और एक्ट्रेस के कंधों पर हाथ रखकर खिंचवाई आपकी तस्वीरें इस देश के लाखों को मोटिवेट करती थी. ऐसे मोटिवेशनल गुरु को लंदन में रुसवा होना पड़े, तो यह देश की बेइज्जती है. इसका घाटा है.
लंदन में रुसवा न होइए, यहां आ जाइए
आप दुनियाभर के सुपर रिच के बीच भारत का झंडा शान से फहरा रहे थे. आपको देखकर वे भारत के बारे में अपनी धारणा बदल देते थे. आखिर इस देश के नौजवानों को तो आप ही ने उलाला...लेओ करना सिखाया.
खैर, लंदन की महंगाई में पांच हजार पाउंड में आपका क्या होगा. वहां इस रकम में आप क्या पार्टी करेंगे और क्या कैलेंडर छपवाएंगे. इंडिया चले आइए. माना कि यहां की जेलें आपको डरा रही हैं, लकिन टेंशन मत लीजिए. किसकी हिम्मत है कि जेल में आपको वीआईपी ट्रीटमेंट से रोक दे.
जब हमारे यहां जेल में बंद डिस्ट्रिक्ट लेवल गुंडों, चिरकुट अफसरों और छुटभैये नेताओं को शाही ट्रीटमेंट मिलता है, तो आपकी तो बात ही कुछ और है. और थोड़े दिनों की बात है.
जेल से निकालने का जुगाड़ भी है अपने पास. कितने दिन जेल में रखेंगे आपको. रुपये-पैसे के घोटाले में कोई यहां ज्यादा दिन रहा है जेल में कि आपको रख पाएंगे. आपके याच और पार्टियों का मजा लेने वाले किस दिन काम आएंगे? जेल में भी आपका सारा जुगाड़ हो जाएगा. आप खामख्वाह लंदन में बेइज्जती करा रहे हैं. विदेश में बेइज्जती कराने से अच्छा है कि देश की जेल में थोड़े दिन के लिए ही सही, इज्जत के दिन काटें. फिर आप यह भी तो कह सकेंगे कि मैं भगोड़ा नहीं हूं. उलाला...लेओ करवाने की गारंटी दीजिए, दौड़ा चला आऊंगा. उम्मीद है कि हमारी गुजारिश पर आप गौर करेंगे और अगली फ्लाइट से अपने देश की जमीन की ओर रुख कर देंगे.
आपका
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