फाइनेंशियल क्राइसिस से घिरी जेट एयरवेज के चीफ नरेश गोयल ने एयरलाइंस को बचाने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चीफ मुकेश अंबानी का दरवाजा खटखटाया है. यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब टाटा सन्स जेट एयरवेज की हिस्सेदारी खरीदने की जुगत में लगी है.गोयल की अंबानी से मुलाकात के बाद इस बात पर अटकलबाजियां तेज हो गई हैं कि को जेट की हिस्सेदारी खरीदने में मुकेश अंबानी बाजी मारेंगे या टाटा सन्स.
जेट को बचाने की जद्दोजहद
जेट एयरवेज में नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51 फीसदी है और वह कंपनी को बचाने के लिए इसका कुछ हिस्सा बेचना चाहते हैं. वह कई विदेशी एयरलाइंस से बातचीत कर रहे हैं. 2013 में उन्होंने जेट एयरवेज में अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी इतिहाद एयरवेज को बेच दी थी. यह हिस्सेदारी सरकार की ओर से घरेलू एयरलाइंस में विदशी एयरलाइंस की हिस्सेदारी बढ़ा कर 49 फीसदी करने के बाद बेची गई थी.
पहले खबर आई थी कि टाटा सन्स जेट वेयरवेज की में हिस्सेदारी खरीदने की सोच रही है. हालांकि उसकी यह योजना बेहद शुरुआती दौर में है. नरेश गोयल की कंपनी जेट एयरवेज में इतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है. आजकल जेट एयरवेज वित्तीय संकट से जूझ रही है और इसके कर्मचारियों को वेतन मिलने में कई बार देरी हो रही है.
टाटा सन्स की पहले ही दो एयरलाइंस विस्तारा और एयर एशिया इंडिया में हिस्सेदारी है. विस्तारा में इसकी 41 फीसदी हिस्सेदारी है. विस्तारा टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस का ज्वाइंट वेंचर है. जेट एयरवेज में टाटा सन्स की हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश की खबर ऐसे वक्त आई है, जब विस्तारा अपना ओवरसीज ऑपरेशन शुरू करने जा रही है.
वित्तीय संकट से जूझ रही है जेट एयरवेज
लगातार घाटे से जूझ रही जेट एयरवेज ने पायलटों, इंजीनियरों और मैनेजमेंट में सीनियर लोगों को अगस्त का बकाया वेतन भी देरी से दिया था. कंपनी ने कहा था कि सितंबर के वेतन में देरी होगी. कंपनी के मुताबिक अगस्त महीने के 50 फीसदी बकाया वेतन का भुगतान 26 सितंबर को हो जाना था लेकिन उस रकम में से सिर्फ आधे का भुगतान कर पाई थी.
कैसे आसमान से जमीन पर आ गया जेट एयरवेज
- जनवरी-मार्च में घाटा: कमाई गिरने और खर्च बढ़ने से जनवरी-मार्च (2018) तिमाही में करीब 1,040 करोड़ का घाटा.
- जेट-जेटलाइट मर्जर नामंजूर: मई 2018 में जेट एयरवेज में इसकी सब्सिडियरी जेटलाइट के मर्जर को मंजूरी नहीं मिली
- सैलरी कटौती: अगस्त होते होते नकदी की ऐसी कमी हुई कि एयरलाइंस को वरिष्ठ कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी कटौती करनी पड़ी
- पहली तिमाही में घाटा बढ़ा: चालू वित्तीय साल 2018-19 की पहली तिमाही में घाटा 30 परसेंट से ज्यादा बढ़कर 1323 करोड़ रुपये पहुंचा. कर्मचारियों को अगस्त महीने की आधी सैलरी ही मिली
- इनकम टैक्स छापे: इनकम टैक्स अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कंपनी के मुंबई और दिल्ली दफ्तर पर सर्वे किया
- सितंबर 2018: वित्तीय परेशानियों का सामना कर रही जेट एयरवेज ने इकोनॉमी क्लास में फ्री खाना न देने का फैसला किया
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