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चंदा कोचर के खिलाफ CBI को क्या क्या सबूत मिले?

2012 की शुरुआत में वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन मामले में अनियमितताओं के आरोप में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ केस दर्ज किया.

सीबीआई ने इस मामले में वीडियोकॉन के मुंबई और औरंगाबाद ऑफिस, जबकि न्यूपावर रिन्यूएबल्स और सुप्रीम एनर्जी के मुंबई ऑफिस में छापेमारी भी की. यह छापेमारी वेणुगोपाल धूत के नियंत्रण वाली कंपनी वीडियोकॉन और दीपक कोचर के नियंत्रण वाली कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स के बीच हुए ट्रांजैक्शन्स के संबंध में की गई.

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क्या है पूरा मामला?

2012 की शुरुआत में वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला. उस समय चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ थीं. आरोपों के मुताबिक, वीडियोकॉन ग्रुप को लोन मिलने के बाद शेयरों के ट्रांसफर के जरिए चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा पहुंचाया गया था.

आइए समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या था

  • दिसंबर 2008 में दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. धूत के पास इस कंपनी में उनके परिवार और सहयोगियों के साथ 50 फीसदी शेयर थे. इस कंपनी में दीपक कोचर और उनके परिवार के मालिकाना हक वाली कंपनी पैसिफिक कैपिटल के पास बाकी 50 फीसदी शेयर थे
  • जनवरी, 2009 में धूत ने न्यूपावर के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और 2.5 लाख रुपये में अपने 24,999 शेयर कोचर को ट्रांसफर कर दिए
  • मार्च 2010 में न्यूपावर ने धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी से 64 करोड़ रुपये का लोन लिया
  • इसके बाद कोचर और पैसिफिक कैपिटल ने न्यूपावर के अपने शेयर सुप्रीम एनर्जी को ट्रांसफर कर दिए. इस तरह मार्च 2010 के आखिर में न्यूपावर में सुप्रीम एनर्जी के 94.99 फीसदी शेयर हो गए. उस समय बाकी 4.99 फीसदी शेयर कोचर के पास थे
  • नवंबर 2010 में धूत ने सुप्रीम एनर्जी में अपने सभी शेयर अपनी सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया को ट्रांसफर कर दिए
  • पुंगलिया ने अपने शेयर सितंबर 2012 से अप्रैल 2013 के बीच एक ट्रस्ट पिनैकल एनर्जी को ट्रांसफर कर दिए. इस ट्रस्ट में दीपक कोचर मैनेजिंग ट्रस्टी थे. पुंगलिया ने ये शेयर 9 लाख रुपये में ट्रांसफर किए थे
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आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन को मिले लोन में मामले में चंदा कोचर पर हितों के टकराव को लेकर सवाल उठने लगे. विवाद के बाद चंदा ने 4 अक्टूबर, 2018 को आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और एमडी पद से इस्तीफा दे दिया था.

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