ADVERTISEMENTREMOVE AD

वित्त वर्ष 2018-19 में 6.8% से नहीं बढ़ी इकनॉमी, असली GDP रही कम 

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 की जीडीपी ग्रोथ रेट रिवाइज कर दी है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बजट से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने वित्त साल 2018-19 की जीडीपी ग्रोथ रेट रिवाइज कर दी है. सरकार के बयान के मुताबिक, 2018-19 की जीडीपी रेट 6.8% से 6.1% कर दिया गया है.

आसान भाषा में कहा जाए तो 2018-19 में ग्रोथ 6.8% नहीं 6.1% से बढ़ी थी. 31 मार्च 2019 को जब वित्त वर्ष 2018-19 खत्म हुआ तो सरकार ने बताया था कि अर्थव्यवस्था 6.8% से बढ़ रही थी. लेकिन अब ये आंकड़े बदल दिए गए हैं. अब सरकार का कहना है कि अर्थव्यवस्था महज 6.1% से बढ़ी थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2017-18 का ग्रोथ रेट भी 7.2% से रिवाइज कर 7% कर दिया गया है.  

कोर सेक्टर की हालत खराब

4 महीनों से नेगेटिव जोन में रहने के बाद, आठ कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ में दिसंबर 2019 में कुछ सुधार आया. दिसंबर महीने में ग्रोथ 1.3% रही थी. ये सुधार कोयले, फर्टिलाइजर और रिफाइनरी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में बढ़त के चलते देखने को मिला था.

हालांकि, ये ग्रोथ दिसंबर 2018 के 2.1% के मुकाबले कम ही रही.

इकनॉमिक सर्वे में FY21 की अनुमानित जीडीपी कितनी?

31 जनवरी को पेश हुए इकनॉमिक सर्वे 2020 में FY21 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5% जताया गया है. इकनॉमिक सर्वे में माना गया है कि इस साल रेवेन्यू में कमी के चलते सरकार को इस साल फिस्कल डेफिसिट के मोर्चे पर कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.

इकनॉमिक सर्वे की बड़ी बातें-

  • इकनॉमिक सर्वे में FY21 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5% जताया गया है.
  • फिस्कल मैनेजमेंट के लिए फूड सब्सिडी में कटौती की जा सकती है. सरकार को मांग को बूस्ट देने के लिए अपने खर्चों को बढ़ाना पड़ सकता है. जिससे फिस्कल मोर्चे पर सरकार को ढिलाई बरतनी होगी.
  • खाड़ी देशों में तनाव रहने से क्रूड की कीमतों पर असर पड़ सकता है. सरकार को इसके लिए तैयारी रखनी चाहिए.
  • हाउसिंग की कीमतों को रियल एस्टेट कंपनियों को कम करना चाहिए. घरों की बिक्री बढ़ेगी तो बैंकों और NBFC को फायदा होदा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×