एयर इंडिया की संपत्ति की बिक्री से होने वाली कमाई पर सरकार की पूरी नजर है. कर्ज के बोझ से दबी सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की जमीन और रीयल एस्टेट की बिक्री से सरकार को 9,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि एयर इंडिया की जमीन, इमारत और अन्य संपत्तियों की बिक्री, एयरलाइन के 55,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को कम करने की सरकार की योजना का हिस्सा है. इससे एयर इंडिया बाजार में प्रतिस्पर्धी हो सकेगी.
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले सप्ताह एयर इंडिया के 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को विशेष उद्देश्य वाली इकाई (एसपीवी) एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी में स्थानांतरित करने की इजाजत दी थी.
इन संपत्तियों की बिक्री से हासिल रकम का इस्तेमाल एसपीवी में ट्रांसफर किए गए 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम एयर इंडिया की जमीन और अन्य संपत्तियों की बिक्री से 9,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रहे हैं. इसमें मुंबई में एयरलाइंस हाउस, दिल्ली के वसंत विहार में रियल्टी संपत्ति और बाबा खड़ग सिंह मार्ग स्थित जमीन शामिल है.''
पिछले सप्ताह एयर इंडिया के विनिवेश पर मंत्री स्तरीय समिति ने एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. (AIATSL) की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी थी. AIATSL की बिक्री से आई राशि का इस्तेमाल भी एसएपीवी में रखे गए कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा. AIATSL ने साल 2016-17 में 61.66 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.
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