जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर बड़ा फैसला किया है. अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. गुड्स और सर्विसेज टैक्स काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक कार पर जीएसटी 12 परसेंट से घटाकर 5 परसेंट कर दिया गया है. इसके साथ ही ईवी चार्जर्स और चार्जिंग स्टेशन पर भी जीएसटी 18 परसेंट से घटाकर 5 परसेंट कर दिया गया है.
बदले हुए जीएसटी रेट 1 अगस्त 2019 से लागू होंगे. साथ ही काउंसिल की बैठक में यह भी फैसला किया गया है कि स्थानीय प्रशासन को इलेक्ट्रिक बस किराए पर लेने पर में जीएसटी में भी छूट मिलेगी.
जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. बैठक में वित्त राज्य मंत्री ने पिछले महीने हुई बैठक में ही संकेट दे दिए थे कि इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रिक चार्जिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल हाइरिंग पर जीएसटी कम किया जा सकता है.
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर क्रिशन अरोरा का कहना है कि टैक्स में हुए इस बदलाव से इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट अफोर्डेबल बनेगा. साथ ही ये और दूसरे ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स को भी प्रोत्साहन देगा.
EY इंडिया में पार्टनर अभिषेक का कहना है कि टैक्स में मिली इस राहत से लोगों को पारंपरिक वाहनों से हटकर ईको फ्रेंडली वाहनों को बारे में सोचने का मौका मिलेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भी कहा था सरकार भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है. सरकार ये भी चाहती है कि देश में लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदें.
2030 तक सिर्फ EV बनाने का लक्ष्य
इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति आयोग के रोड-मैप के मुताबिक देश में 2030 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही बिकेंगे. आयोग ने यह भी कहा है कि 2025 से सिर्फ इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स और 150 सीसी तक टू-व्हीलर्स ही बिकें. नीति आयोग ने तो टू और थ्री व्हीलर्स निर्माता कंपनियों से दो सप्ताह के भीतर प्लान भी पेश करने को कह दिया कि वे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कैसे अपनाएंगे. नीति आयोग के इस रुख ने कार और टू-व्हीलर्स कंपनियों को नाराज कर दिया है.
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