पीएमसी बैंक स्कैम मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एचडीआईएल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन राकेश कुमार वाधवान और वाइस चेयरमैन सारंग कुमार वाधवान को गिरफ्तार कर लिया है. PMC बैंक ने अपनी कुल पूंजी का 73% अकेले इस रियल एस्टेट कंपनी को दे दिया था.
एचडीआईएल संकट में फंसी तो पीएमसी बैंक भी डूबा
एचडीआईएल जब संकट में फंसी तो इसे दिया गया पीएमसी बैंक का सारा लोन डूब गया. PMC बैंक ने डिफाल्ट के बाद भी HDIL को लोन देना जारी रखा. और इस हद तक देना जारी रखा कि खुद डूब गया. इसके बाद आरबीआई ने कार्रवाई करते हुए पीएमसी बैंक के कारोबार पर रोक लगा दी थी. साथ ही बैंक के ग्राहकों पर दस हजार रुपये से ज्यादा निकालने पर रोक लग गई थी.
PMC बैंक के हटाए गए मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस ने RBI को लिखी एक चिट्ठी में बताया है कि बैंक ने कुल मिलाकर 8,880 करोड़ के लोन दिए हैं, और इनमें से 6500 करोड़ सिर्फ HDIL को दे दिया. ये तय मानकों से चार गुना ज्यादा है. थॉमस ने ये भी स्वीकार किया है कि इस बारे में बैंक के बोर्ड को जानकारी भी नहीं दी गई.
क्या है HDIL की कहानी?
1996 में बनी HDIL यानी हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड मुख्य तौर पर मुंबई और उसके आसपास के इलाके में रियल एस्टेट के कारोबार में है. कंपनी ने कई स्लम को खाली करवा कर प्रोजेक्ट डेवलप किए हैं. कंपनी की आमदनी का एक बड़ा सोर्स ये रहा है कि कंपनी स्लम की जमीन डेवलप करती है और निर्माण का अधिकार किसी और को बेच देती है.
किसी जमाने में HDIL मार्केट वैल्यू के हिसाब से देश की तीसरी सबसे रियल एस्टेट कंपनी थी. लेकिन कुछ महीने पहले डूबने लगी. IL&FS ने भी HDIL में निवेश किया था, तो HDIL के डूबने के कारण IL&FS का पतन और तेज हुआ. HDIL ने PMC बैंक से ही नहीं, कई और बैंकों से भी लोन लिया हुआ है. और इसके कारण कई बैंक भी मुसीबत में आ गए.
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