कोरोना संकट की वजह से बीते फाइनेंशियल ईयर में भारत की इकनॉमी गर्त में रही. लेकिन अब रेटिंग एजेंसी मूडीज का अनुमान है कि आने वाले फाइनेंशियल ईयर में भारतीय इकनॉमी 9.3% की ग्रोथ दर्ज कर सकती है. मूडीज ने अनुमान जताया कि भारत की इकनॉमी तेजी से रिकवर करेगी. साथ ही एजेंसी ने भारत के आउटलुक में भी सुधार किया है.
मूडीज का भारतीय इकनॉमी को लेकर अनुमान है कि-
"भारतीय इकनॉमी में 2020 में बड़ी गिरावट के बाद तेज रिकवरी देखने को मिलेगी. लेकिन भारत के क्रेडिट प्रोफाइल को लेकर खतरा बना हुआ है. हाल में ग्रोथ में स्लोडाउन देखा गया है. सरकार की कमजोर फाइनेंसिंग, फाइनेंशियल सेक्टर में बढ़ती हुई रिस्क के साथ कोरोना की दूसरी लहर की वजह से इकनॉमी पर बुरा असर पड़ा है."
मूडीज के मुताबिक- 'हमारा अनुमान है कि अप्रैल से जून तिमाही में इकनॉमिक एक्टिविटी में सुस्ती दिख सकती है. लेकिन इसके बाद तेजी से बाउंस बैक देखने को मिलेगा. मार्च 2022 को खत्म होने वाले वित्तीय साल में 9.3 परसेंट की जीडीपी ग्रोथ दिख सकती है. '
2020-21 में GDP ग्रोथ -7.3%
30 मई को आए डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में 4% की ग्रोथ के मुकाबले, वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ -7.3% रही है. केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2021 में जनवरी से मार्च तक की तिमाही में जीडीपी की कुल ग्रोथ 1.6% रही.
वहीं राजकोषीय घाटा पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा रहा है. वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का कुल 9.93 प्रतिशत रहा.
कोरोना की दूसरी लहर का भी दिखेगा असर?
जीडीपी के इन आंकड़ों ने बताया है कि कोरोना ने कैसे पहले से ही नीचे गिर रही अर्थव्यवस्था को और ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि ये आंकड़ा अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक का है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई में कहर दिखाया था. इसीलिए दूसरी लहर का भी असर आगे देखने को मिल सकता है.
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