जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने इसके बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. नरेश गोयल जेट एयरवेज को बचाने के लिए इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे. इसे कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने शर्त रखी थी कि कंपनी को दिवालिया होने से बचाना हो तो उन्हें अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी. बैंक अब कर्ज के बदले उनकी हिस्सेदारी ले सकते हैं.
नरेश गोयल के इस्तीफे के बाद एयरलाइंस को मई तक मिलेगा नया मालिक
- जेट एयरवेज के चेयरमैन पद से नरेश गोयल का इस्तीफा, पत्नी अनीता गोयल के साथ नरेश ने बोर्ड से भी इस्तीफा दिया
- एतिहाद एयरवेज की तरफ से बोर्ड मेंबर केविन नाइट ने भी जेट के बोर्ड से इस्तीफा दिया
- जेट को कर्ज देने वाले बैंकों की तरफ से तय दो मेंबर बोर्ड में शामिल किए गए
- बोर्ड ने 11.4 शेयर जारी करने को मंजूरी दी जो बैंकों को दिए जाएंगे
- शेयरों के बदले बैंक कर्ज के जरिए एयरलाइंस में 1500 करोड़ डालेंगे
- जेट के बोर्ड ने अंतरिम मैनेजमेंट कमेटी बनाई जो एयरलाइंस के कामकाज की निगरानी करेगी
- स्टेट बैंक की अगुआई में कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को 51 परसेंट हिस्सेदारी मिलेगी
- पार्टनर एतिहाद की हिस्सेदारी मौजूदा 25 परसेंट से घटाकर 12 परसेंट तक लाई जाएगी
- नरेश गोयल की जेट एयरवेज में 25 परसेंट हिस्सेदारी ही रहेगी
- जेट एयरवेज को बेचने की प्रक्रिया 9 अप्रैल से शुरू हो जाएगी, 30 अप्रैल तक बोली देनी होगी
- नरेश गोयल और एतिहाद समेत कोई भी जेट को खरीदने की बोली लगा सकता है
- मई आखिर तक जेट एयरवेज को नया मालिक मिलने की उम्मीद
- जेट एयरवेज पर करीब 9000 करोड़ रुपए का कर्ज
- जेट एयरवेज के आधे से ज्यादा विमान जमीन पर, 200 पायलट ने इस्तीफे की धमकी दी
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जेट एयरवेज को 1500 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड
जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों में से प्रमुख एसबीआई के चेयरमैन एसबीआई ने कहा कि एयरलाइंस को दो महीने के लिए 1500 करोड़ रुपये की फंडिग दी गई है.
जेट एयरवेज संकट से जुड़ी अबतक की 10 बड़ी बातें
- आर्थिक संकट में फंसी जेट एयरवेज के बोर्ड से इसके चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने इस्तीफा दे दिया है. बोर्ड से नरेश गोयल और पत्नी अनिता गोयल के दो नॉमिनी और एतिहाद के एक नॉमिनी भी हट गए हैं.
- जेट एयरवेज पर लगभग दस हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. फंड की कमी से जेट के 54 विमान खड़े हो चुके हैं. एयरलाइंस ने पिछले हफ्ते 13 अंतरराष्ट्रीय रूट पर अप्रैल अंत तक के लिए उड़ानें रद्द करने का ऐलान किया था.
- जेट एयरवेज के पायलट्स और इंजीनियर्स को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली थी. पायलटों ने 31 मार्च तक वेतन नहीं मिलने पर 1 अप्रैल से उड़ान नहीं भरने की चेतावनी दी है.
- जेट को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसर्शियम में एसबीआई प्रमुख बैंक है. कंसोर्शियम ने शर्त रखी थी अगर जेट एयरवेज को बचाना है तो नरेश गोयल को चेयरमैमन पद से इस्तीफा देना होगा. एयरलाइंस में उन्हें अपनी हिस्सेदारी कम करनी होगी.
- जेट एयरलाइंस में नरेश गोयल की हिस्सेदारी 51 फीसदी है. इसके पार्टनर एतिहाद की इसमें 24 फीसदी हिस्सेदारी है. कंसोर्शियम फिलहाल जेट के लिए इमजेंसी फंड जारी कर सकता है और बाद में इसकी हिस्सेदारी दूसरे को बेच सकता है.
- यूं किसी भी ओपन मार्केट में किसी प्राइवेट एयरलाइंस को बचाने की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है. लेकिन अगर जेट दिवालिया होती है तो 23 हजार लोग एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे. चुनाव के वक्त यह बड़ा मुद्दा बन सकता है इसलिए सरकार ने बैंकों को इसे बचाने के लिए कहा है.
- जेट के संकट की वजह से जेट के विमानों के ग्राउंड होने से पिछले एक महीने में 13 लाख फ्लाइट सीटें घट गई हैं. इससे इस सेक्टर का सेंटिमेंट खराब हुआ है.
- जेट संकट की वजह से घरेलू उड़ानों में टिकटों की कीमतों में 35 फीसदी तक इजाफा हो गया है. दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त रूट में आखिरी वक्त के किराये 50 से 100 फीसदी तक बढ़ गए हैं.
- जेट एयरवेज पर 10 हजार करोड़ का लोन है. इसमें सबसे अधिक कर्ज एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक का 2-2 हजार करोड़ रुपये का है. बैंक एतिहाद की हिस्सेदारी खरीद सकते हैं. यह 24 फीसदी हिस्सेदारी लगभग 11.4 करोड़ शेयरों के बराबर है.
- कहा जा रहा है कि फिलहाल जब तक जेट को कंसोर्शियम इमरजेंसी फंड भी दे सकता है. जब तक जेट के लिए नया खरीदार नहीं मिल जाता तब तक इमरजेंसी फंड से काम चलता रहेगा. दरअसल कंसोर्शियम में शामिल एसबीआई इसे पहले इमरजेंसी फंड देने को तैयार नहीं था लेकिन उसे लगा कि कंपनी अगर दिवालिया प्रक्रिया चली गई तो उसे कुछ नहीं मिलेगा.
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Published: 25 Mar 2019, 4:29 PM IST