मुंबई पुलिस ने HDIL और PMC बैंक अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. मामले की जांच के लिए SIT गठित हुई है. FIR में बैंक को हुए नुकसान की राशि 4355 करोड़ बताई गई है.
इससे पहले पीएमसी बैंक के निलंबित एमडी जॉय थॉमस ने आरबीआई को गड़बड़ी से जुड़ी कई बातें बताई हैं. थॉमस ने कथित तौर पर आरबीआई के सामने कबूल किया है कि बैंक ने एचडीआईएल को 6500 करोड़ रुपये का कर्ज दे दिया था. जबकि बैंक का कुल एसेट ही 8800 करोड़ रुपये का है. यानी कंपनी को बैंक की पूरी संपत्ति की 73 फीसदी रकम कर्ज के तौर पर मिल गई थी. यह रकम कर्ज देने की सीमा से चार गुना अधिक थी.
असली बैलेंसशीट में दर्ज जानकारी से हुआ खुलासा
बैंक के बोर्ड मेंबर की ओर से बैंक की असली बैलेंसशीट का ब्योरा रिजर्व बैंक को लीक किए जाने के बाद यह खुलासा हुआ है. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने यह जानकारी दी. स्लम री-डेवलपमेंट के कारोबार में शामिल एचडीआईएल जबरदस्त नकदी संकट के बाद दिवालिया कोर्ट में घसीट ली गई है. वह अपनी कई परियोजनाओं को पूरा करने में नाकाम रही थी.
बहरहाल, थॉमस की ओर से बैंक को दिए गए कर्ज के बारे में जो खुलासा किया गया है उसके बारे में एचडीआईएल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है. सूत्रों का दावा है कि पीएमसी बैंक में गड़बड़ी पर आरबीआई की नजर पहले से थी.
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही फ्रॉड और डेटा में हेरफेर के पर्याप्त सबूत मिले आरबीआई ने तुरंत एक्शन लिया. आरबीआई ने बगैर कोई देरी किए बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को दरकिनार कर कार्रवाई की और जेबी भोरिया को एडमिनिस्ट्रेटर अप्वाइंट कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)