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PMC बैंक घोटाला: वरयाम सिंह को 2018 में ही हटाना चाहता था RBI

RBI ने विवादों में घिरे PMC के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था.

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रिजर्व बैंक ने विवादों में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑरपेटिव बैंक (पीएमसी) के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल ही पद से हटाने का सुझाव दिया था. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.

रिजर्व बैंक ने दिवालिया हो चुकी कंपनी एचडीआईएल और उससे जुड़ी दूसरी कंपनियों को बिना सही प्रक्रिया का पालन किए कर्ज बांटे जाने के मामले में सिंह की संलिप्तता मिलने पर यह सुझाव दिया था. रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के सहकारिता संगठनों के रजिस्ट्रार को सुझाव दिया था.

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हालांकि इसके बाद भी सिंह हाल तक पद पर बने रहे. रजिस्ट्रार या सिंह से इस बारे में फिलहाल संपर्क नहीं हो सका है.

सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने 2017-18 के वार्षिक निरीक्षण में पाया कि चेयरमैन सिंह बिना उचित प्रक्रिया का पालन किये तथा नियामकीय सीमा से अधिक ऋण आवंटित कर एचडीआईएल की मदद कर रहे थे.’’

रिजर्व बैंक ने पीएमसी को एचडीआईएल का सारा कर्ज एनपीए में दर्ज करने के लिये भी कहा था. हालांकि तब पीएमसी ने कहा था कि एचडीआईएल को सिर्फ 258 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है और उसके एवज में गारंटी रखी गयी है.

PMC बैंक मामला क्या है?

पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ओपरेटिव बैंक (PMC) पर रिजर्व बैंक ने 6 महीने का बैन लगा दिया है. इस बैन के मुताबिक, बैंक का कोई भी ग्राहक एक हजार से ज्यादा रुपये नहीं निकाल सकता है. साथ ही बैंक किसी ग्राहक को नया लोन भी जारी नहीं कर सकता है. आरबीआई ने ये पाबंदियां लगाने की कोई खास वजह नहीं बताई है, लेकिन मुंबई मिरर ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पीएमसी बैंक पर पाबंदियां लगाने की वजह सिर्फ एक खाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट फर्म हाउसिंग डेवेलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) पर बैंक का 2500 करोड़ रुपये बकाया है. ये कंपनी दिवालिया हो चुकी है. आरोप है कि आरबीआई की गाइडलाइंस के बावजूद पीएमसी बैंक ने कंपनी को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) के तहत नहीं दिखाया. बैंक पर पाबंदी की यही सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है.

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