रिजर्व बैंक ने यस बैंक के एमडी और सीईओ का कार्यकाल छोटा कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने उन्हें तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा करने से रोक दिया. 31 जनवरी, 2019 के बाद यस बैंक को नया एमडी और सीईओ चुनना होगा.
राणा कपूर कोटक महिंद्रा के उदय कोटक के बाद देश के दूसरे सबसे धनी बैंकर हैं. भारतीय बैंकिंग सेक्टर के पोस्टर ब्वॉय रहे राणा कपूर का कार्यकाल घटाने से यस बैंक प्रबंधन की खासी किरकिरी हुई है.
NPA के गलत क्लासिफेकशन से RBI नाराज
RBI राणा कपूर के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्हें जो कर्ज एनपीए में दिखाना था, वो बैंक के बैलैंस शीट में गलत जगह क्लासीफाई किया गया था. हाल के दिनों में राणा कपूर आरबीआई की कड़ी कार्रवाई के तीसरे शिकार हैं.
पहले एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा और फिर आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के बाद राणा कपूर के खिलाफ कदम उठा कर आरबीआई ने अपनी विश्वसनीयता में इजाफा किया है.
बहरहाल, आरबीआई की कार्रवाई से राणा कपूर अपनी ऊंचाइयों से गिरते दिख रहे हैं. सिटी बैंक में इंटर्न से लेकर यस बैंक के फाउंडर के तौर पर उन्होंने जो ऊंचाई हासिल की थी, उस पर सवालिया निशान लग गए हैं.
नए CEO के चुनाव पर रहेगी नजर
राणा कपूर के कार्यकाल को मंजूरी देने से इनकार कर आरबीआई ने यह भी संदेश दिया है कि ज्यादा अधिकार के साथ ज्यादा जिम्मेदारी भी आती है. इसलिए बैंकिंग की दुनिया के सीईओ या प्रमोटर को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि वह कॉरपोरेट गवर्नेंस की धज्जियां उड़ा सकता है.
कपूर यस बैंक के फाउंडर हैं और 2002 से ही इसके सीईओ हैं. 25 सितंबर को बैंक का बोर्ड अपने अगले कदम पर चर्चा करेगा. ग्रुप के सीनियर प्रेसिडेंट रजत मोंगा को सीईओ बनाया जा सकता है. लेकिन इसके लिए आरबीआई को मंजूरी की जरूरत होगी.
अगर आरबीआई मोंगा के बदले किसी बाहरी कैंडिडेट पर जोर देगा, तो भी यह राणा कपूर के लिए एक और झटका होगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)