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SBI ने सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को लेकर किए ये बड़े बदलाव 

SBI के बचत खाते में बैलेंस अगर 3000 रुपए से कम हुआ तो लगेगी पेनाल्टी

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देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक State Bank Of India (SBI) के बचत खातों में ग्राहकों को न्यूनतम मासिक बैलेंस बनाकर रखना होता है. अगर आपके SBI खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं है तो भारी पेनाल्टी भरनी पड़ सकती है.

ये जुर्माना 5 से 15 रुपए तक वसूला जाता है. इसके अलावा शाखा का स्थान या अन्य कारणों के अनुसार, अलग-अलग जुर्माना हो सकता है.

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अलग-अलग जोन में बंटे बैंकों के हिसाब से लगेगी पेनाल्टी

बैंक ने अपनी शाखाओं को चार भागों मेट्रो, शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बांटा है. इन क्षेत्रों में शाखाओं के मुताबिक सेविंग अकाउंट में अलग अलग मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की गाइडलाइन हैं.

SBI की वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार मेट्रो और शहरी शाखाओं के सामान्य बचत खातों में 3000 रुपए की न्यूनतम राशि होना जरूरी है. वहीं अर्द्धशहरी शाखाओं में 2000 और ग्रामीण क्षेत्रों की शाखाओं में 1000 रुपये न्यूनतम मासिक राशि बनाए रखना जरूरी है.

State Bank Of India ने अपने ग्राहकों से न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की अपील भी की है जिससे उन्हें पेनाल्टी न चुकानी पड़े.

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मेट्रो और शहरी SBI ब्रांच में लगने वाली पेनाल्टी

  • 50 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 10 रुपए+जीएसटी
  • 50-75 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 12 रुपए+जीएसटी
  • बैलेंस अगर 75 प्रतिशत से अधिक कम है तो 15 रुपए+जीएसटी
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अर्द्धशहरी SBI ब्रांच में लगने वाली पेनाल्टी

  • 50 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 7.5 रुपए+जीएसटी
  • 50-75 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 10 रुपए+जीएसटी
  • बैलेंस अगर 75 प्रतिशत से अधिक कम है तो 12 रुपए+जीएसटी
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ग्रामीण क्षेत्रों की SBI ब्रांच में लगने वाली पेनाल्टी

  • 50 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 5 रुपए+जीएसटी
  • 50-75 प्रतिशत से कम बैलेंस पर 7.5 रुपए+जीएसटी
  • बैलेंस अगर 75 प्रतिशत से अधिक कम है तो 10 रुपए+जीएसटी
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इसका मतलब ये है कि खाते में भले ही पैसा निकाला या जमा किया गया हो लेकिन एक दिन के आखिर में बैलेंस 3000 रुपए से ज्यादा अगर रहा तो पेनाल्टी नहीं लगेगी.

बता दें कि SBI कई ऐसे बचत खातों की पेशकश भी करता है जिनमें ग्राहकों को किसी तरह का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की जरूरत नहीं पड़ती.

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एक मई से होगा SBI में ये बदलाव

पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई 1 मई से ब्याज दरों को लेकर नए नियम लागू कर रहा है. अब बैंक अपनी लोन और डिपोजिट दरों को रेपो रेट से जोड़ देगा. इससे एसबीआई का लोन सस्ता हो सकता है. एसबीआई के करोड़ों ग्राहकों को इसका फायदा हो सकता है.

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