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देश में इकनॉमी नहीं सिर्फ बेरोजगारी बढ़ रही- सुब्रह्मण्यम स्वामी 

स्वामी ने कहा- वित्त मंत्रालय के हर महीने के शिगूफे से दिक्कत और बढ़ती जा रही है

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दिग्गज अर्थशास्त्री और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देश में छाई आर्थिक मंदी पर सरकार और वित्त मंत्रालय को घेरा है और देश में जारी आर्थिक सुस्ती का तोड़ बताया है. उन्होंने ट्वीट कर जीडीपी ग्रोथ को 10 परसेंट करने का मंत्र दिया और वित्त मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों को बेअसर बताया.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट किया-

अगर सरकार रिफॉर्म पैकेज में रियायत दे तो भारत की वर्तमान जीडीपी को बदलकर सालाना 10 परसेंट से ज्यादा किया जा सकता है. वित्त मंत्रालय के हर महीने के शिगूफे से दिक्कत और बढ़ती जा रही है. अब एक्शन का वक्त है. 
सुब्रह्मण्यम स्वामी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद

ब्लूमबर्ग क्विंट से बात करते हुए सुब्रह्मणयम स्वामी ने कहा-

मैं 2015 से ही अखबारों में लिखता रहा हूं कि हम सुस्ती की तरफ बढ़ रहे हैं और 2019 में हम गंभीर दिक्कतों का सामना करेंगे और ठीक यही हुआ है. जो हो रहा है ऐसा कुछ भी नहीं है जो अचानक हुआ है. हर सेक्टर में नेगेटिव आंकड़े दिख रहे हैं. मैन्यूफैक्चरिंग और कोर सेक्टर का बुरा हाल है. ग्रोथ रेट 2015 के बाद लगातार गिर रही है. ग्रोथ नहीं बढ़ रही, बेरोजगारी बढ़ रही है.

स्वामी ने कहा कि 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी बनने के लिए हमें 18 परसेंट की ग्रोथ रेट से बढ़ना होगा. ये करीब-करीब नामुमकिन है. इसलिए मैं इस 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को गुड बाय कहता हूं.

GDP ग्रोथ रेट गिर कर 5 फीसदी पर पहुंचा

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी विकास दर घट कर पांच रह गई है. निवेश और मांग में कमी की वजह से ग्रोथ रेट को यह बड़ा झटका है. पिछले वित्त वर्ष वर्ष की आखिरी तिमाही यानी दिसंबर- मार्च में ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी था.

इस साल आर्थिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. आरबीआई ने अगस्त में जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7 फीसदी से घटा कर 6.9 फीसदी कर दिया था. जून की मॉनेटरी पॉलिसी में रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया था.

साढ़े छह साल की सबसे कम ग्रोथ

पिछले साढ़े छह साल के दौरान यह सबसे कम ग्रोथ रेट अनुमान है. 2013 की पहली तिमाही के बाद यह सबसे कम ग्रोथ रेट है. दरअसल इकनॉमी के कई सेक्टरों के खराब प्रदर्शन की वजह से सुस्त ग्रोथ रेट को और झटका लगा है.

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